फर्रुखाबाद–देश मे अपनी छपाई की छाप छोड़ने वाले शहर में कुम्भ मेला को देखते हुए 200 कारखाने बन्द करा दिए गए है जिसके चलते हर कारखाने में 20 से लेकर 50 मजदूर काम करते थे।
कारखाने बन्द होने से उन मजदूरों के परिवारों के सामने खाने पीने की समस्या पैदा होने लगी है जिसका कारण यह है रोज कमाने खाने वाले आदमी का रोजगार बन्द हो गया है जिससे उसका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है । जिसके चलते आज छपाई करने वाले मजदूरों और ठेकेदारों ने साथ मिलकर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।दूसरी तरफ कारखाने बन्द होने चाय की दुकान चलाने वाले का भी धंधा बन्द होता नजर आ रहा है क्योंकि उन चाय की दुकानों पर मजदूर छपाई के दौरान समय निकालकर चाय पीते थे।जिससे उस दुकानदार की आमदनी होती थी।वही मजदूरों की मजबूरी पर अपनी राजनीति चमकाने के लिए सपा के स्थानीय नेता ने उनके सामने यह घोषणा कर डाली यदि कारखाने चालू नही कराये गए तो वह सवसे पहले आमरण अनशन शुरू करेंगे। उसके बाद अगर मांगे नहीं मानी गयी तो आत्मदाह करेंगे ।धरने के दौरान सर्वोदय मण्डल के नेता एडवोकेट लक्ष्मण सिंह भी पहुंचे उन्होंने कहा कि जो गंगा को मानते है वही गंगा को सबसे ज्यादा गन्दा करते है।
वही सूत्रों की माने छपाई कर्मचारियों के इस प्रदर्शन में कारखाना मालिकों की साजिश बताई जा रही है जिससे जिला प्रसाशन कारखानों को चालू करा दे।अब देखना यह होगा कि जिला प्रसाशन पर मजदूरों की भुखमरी का क्या असर होता है। क्या उनके भरण पोषण का कोई अस्थाई इंतजाम करता है या नही।
(रिपोर्ट – दिलीप कटियार, फर्रुखाबाद )