एटा–स्वच्छ भारत मिशन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसको लेकर शासन और प्रशासन बेहद कड़ा रुख अपना रहा है। उसके बावजूद भी प्रधानमंत्री जी की इस योजना की जनपद एटा में लगातार धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
जनपद एटा के विकास खंड अलीगंज के सिकंदरपुर सालवाहन गांव के मजरा भैंसराना में देखने को मिली है, जहां फर्जी तरीके से जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया जबकि गाँवों में एक भी शौचालय नहीं बने और आज भी बेचारे ग्रामीण शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर है। हर ग्राम पंचायत पर निगरानी समिति का गठन भी किया जा चुका है। ऐसे में भैंसराना गांव की 100 फीसदी महिलाएं और बच्चे ,पुरुष खुले में शौच जाने को मजबूर है।
ग्रामीण इलाकों को प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण अंचलों को जगमग कर विकास की धारा में मिलाने का प्रयास निरर्थक साबित हो रहे है। वही ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बिजली है तो सरकार की तरफ से आवास नहीं मिले और जिन लोगों को आवास मिले हैं। वहां शौचालय का निर्माण भी नहीं हुआ। गांव में सड़क तो है लेकिन सफाई के लिए सफाई कर्मी गांव में मौजूद नहीं है। ऐसे में गांव वालों का कहना है कि ना तो गांव के प्रधान का इस ओर कोई ध्यान गया और ना ही सरकार के नुमाइंदों का। हारे थके ग्रामीण अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगा रहे हैं कि एक तरफ गांव को डिजिटल इंडिया बनाने की सरकार लगातार पहल कर रही है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के जनपद एटा में एक गांव ऐसा भी है जहां डिजिटल इंडिया का वो सपना लगातार धूमिल होते नजर आ रहा है। वही इस पूरे मामले को लेकर अलीगंज विधानसभा के विधायक सत्यपाल सिंह राठौर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि निश्चित ही ये ग्राम पंचायत राजनीतिक द्वेष भावना का शिकार हो रही है। जिसके चलते ग्रामीणों को बिजली पानी शौचालय जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। वहीं जिले के आला अधिकारियों ने कागजों में तो जनपद को फर्जी तरीके से ओडीएफ घोषित कर दिया, लेकिन जमीनी हकीकत अगर देखी जाए तो 50% ओडीएफ को लेकर ग्राम पंचायत इलाकों में कार्य नहीं हुआ।
(रिपोर्ट-आर.बी.द्विवेदी, एटा)