न्यूज डेस्क– पिछले कुछ दिनों से लगातार महागठबंधन के अस्तित्व को लेकर जोर शोर से चर्चाएं हो रही हैं इन्हीं सभी चर्चाओं के बीच एक बड़ी खबर सामने निकलकर आई है की महागठबंधन की कुछ पार्टियां अखिलेश यादव को ही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर आगे करना चाहती हैं।
अखिलेश का नाम क्यों है प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की रेस में सबसे आगे?
बसपा सुप्रीमो मायावती के बदलते स्वर को देखते हुए महागठबंधन में शामिल सभी पार्टियां चाहती हैं कि अखिलेश यादव के चेहरे को आगे किया जाए। जिससे कि भाजपा को उत्तर प्रदेश ही नही देश में भी पूरे आराम से रोका जा सके। साथ ही साथ राहुल गांधी जी और तेजस्वी यादव जी भी अखिलेश यादव जी के नाम को लेकर सहमत हो गये है ।
ये भी बड़ा सच है अगर भाजपा को उत्तर प्रदेश में व बिहार में भी पूरी तरह से रोक लिया जाता है तो महागठबंधन आराम से 2019 में अपनी सरकार बना लेगा। साथ ही साथ तेजस्वी यादव को भी 2019 चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना है तेजस्वी यादव बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी स्टार प्रचारक के रूप में बड़े इस्तर पर काम करेंगे और अल्पसंख्यक दलित पिछड़ी जातियों के वोटों पर पूरी तरह से गोला बंदी भी करेंगे।
इस पूरे संमिकरण में धरतीपुत्र श्री मुलायम सिंह यादव जी यदुवंश के सबसे बड़े चाणक्य प्रोफेसर रामगोपाल यादव,राहुल गांधी , अजित सिंह जी ,चंद्र बाबू नायडू, ममता बनर्जी व श्री एच डी देवगौड़ा ,सीतारामयेचुरी आदि अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं
हाल ही में मायावती के बयान के बाद यह साफ लगने लगा था कि मायावती महागठबंधन से अलग जा सकती हैं इसी को देखते हुए महागठबंधन की पार्टियों के बीच हुई मीटिंग में इस बात पर चर्चा हुई कि अगर उत्तर प्रदेश को जीतना है तब या तो मायावती या अखिलेश यादव दमदार चेहरा हो सकते हैं और अखिलेश यादव आज देश मे सबसे लोकप्रिय युवा चेहरे के रूप में उभरते नजर आ रहे हैं।