प्राथमिक स्कूल बना तबेला,एक कमरे में होती है एक से लेकर पांच तक पढाई

फर्रुखाबाद– एक तरफ प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों को मॉडल स्कूल बनाया जा रहा है । वही दबंग स्कूलों पर अपना कब्जा किये हुए है ।लोगो की शिकायत के बावजूद कब्जेदारों से स्कूल के भवन खाली नही कराए जा रहे है ।

ऐसा ही एक मामला फर्रुखाबाद के विकास खण्ड राजेपुर  क्षेत्र की ग्राम सभा गुजरपुर ग़लबार का है । इस स्कूल में शिक्षा के स्तर की बात करे तो बिल्कुल शून्य है। सरकारी प्राथमिक स्कूल वर्षो पहले बनाया गया था।वह क्षतिग्रस्त होने के बाद दो बड़े भूकम्प रोधी कमरों का निर्माण कराया गया था।जो कि उस समय स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा बनबाया गया था।जिसमे मानकों को ताख में रखकर निर्माण करा दिया।जिसमें अधिकारियों को भी उसका हिस्सा दिया था।लेकिम दोनों कमरों का गेट नाले की तरफ कर दिया गया।जिससे स्कूल में पढ़ने वाले छात्र उसके अंदर न जा सके।दूसरी तरफ खुले में शौच जाने को लेकर स्कूल के शिक्षकों ने खुली छूट दे रखी है क्योंकि की जो शौचालय बने हुए है पूर्ण रूप से बन्द पड़े है।जो स्कूल की इमारत है उसके अंदर गांव के ही लोग अपने अपने जानवर बाधते है।दूसरी तरफ स्कूल की सुरक्षा के लिए कोई बाउंड्री नही है।

जिस कारण गांव वालों ने उसको आम रास्ता बना लिया है।जब स्कूल की इमारत पर कब्जे को लेकर गांव वालों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया जब कमरों में बच्चे नही बैठाए जाते है उससे यही अच्छा की हम लोगो के जानबर आराम से उन कमरों में बैठे रहते है।प्राथमिक विधालय की दुर्दशा को लेकर ग्राम प्रधान ने कई वार जिले के आला अधिकारियों को अबगत कराया लेकिन कोई भी कार्यवाही नही की गई।जिस कारण गांव के वो लोग सरकारी भवन पर कब्जा किये हुए है उनके हौसले बुलंद है।इसी प्रकार से जिले बहुत से ग्रामीण इलाके में  गुजरपुर गांव की तरह सरकारी स्कूलों के भवनों पर लोग अपना अपना कब्जा जमाए हुए है।जब शिक्षा अधिकारियों से शिकायत की जाती है।तो वह उस समय कार्यवाही की बात करते है उसके दूसरे दिन ही भूल जाते है।यदि शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी नींद से नही जागे तो हो सकता है आने वाले समय मे कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।जिसका जिम्मेदार कौन होगा यह कहना मुश्किल नही होगा।

उधर बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि यदि एक कमरे में स्कूल चल रहा है वह मानक के विपरीत है।उसकी जांच कराकर प्रसाशन की मदद से खाली कराया जायेगा।

(रिपोर्ट – दिलीप कटियार , फर्रुखाबाद )

 

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