कोरोना संक्रमण की भयवाह तस्वीरें पूरे देश में देखने को मिल रही है। वहीं यूपी का प्रयागराज जिला लाशों की लाल चादरों (red sheets) से रंगीन हो गया। उधर जिले की भयवाह तस्वीरें व वीडियों वायरल होने के बाद फाफामऊ और श्रृंग्वेरपुर घाट पर गंगा किनारे रेत में शव दफन कर उसके ऊपर रखी गई लाल-पीली चुनरी को हटवा दी गई।
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बता दें कि अफसरों की मौजदूगी में सफाईकर्मियों को तैनात कर पूरे घाट से चुनरी (red sheets) हटवाई गई। यही नहीं शव दफन करने के बाद पहचान के लिए किनारे लकड़ी गाड़ दी गई थी। इसे भी हटवा दिया गया है।
अफसरों के निरीक्षण के बाद हुई सफाई…
मिली जानकारी के मुताबिक कैमरे से बचने के लिए रविवार की रात एक जिम्मेदार अफसर ने कुछ अफसरों के साथ फाफामऊ और श्रृंग्वेरपुर घाट का निरीक्षण किया था। अफसर ने पहले फाफामऊ पुल से घाट देखा फिर दल-बल के साथ घाट पर भी गए।
कहा जा रहा है कि इसी अफसर के निर्देश पर ही सुबह फाफामऊ और श्रृंग्वेरपुर घाट की सफाई करवा कर चुनरी (red sheets) हटवाई गई। ऐसा इसलिए किया गया ताकि दफन शवों की पहचान न हो सके।
वीडियो वायरल होने के बाद लगाए गए सौ सफाईकर्मी
दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में चुनरी और लकड़ी से ही इस बात की पहचान हो रही थी कि शव दफन किए गए हैं। नगर निगम के जोनल अधिकारी नीरज सिंह की देखरेख में फाफामऊ घाट पर 100 से अधिक सफाईकर्मी लगाए गए थे।
सफाई के वक्त नगर निगम निगरानी समिति के सदस्य मुकुंद तिवारी, कमलेश तिवारी भी मौजूद थे। उधर, श्रृंग्वेरपुर घाट पर कुत्ता और सुअर पकड़ने के लिए टीम लगाई गई थी। दो कुत्तों को पकड़कर जंगल में छोड़ा गया।
घाटों पर किया गया दाह संस्कार का इंतजाम
इस दौरान श्रृंग्वेरपुर में गंगा किनारे दफनाए गए उन शवों का दाह संस्कार करने का प्रयास भी किया गया जो रेत से बाहर आ रहे हैं। इसके लिए घाट पर आठ स्थानों पर चिता सजाई गई थी। लेकिन कोई शव रेत से बाहर नहीं दिखा। इसलिए दाह संस्कार नहीं किया गया।
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