प्रतापगढ़–प्रतापगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। 4 साल पहले पुलिस अभिरक्षा से फरार हुआ सजायाफ्ता 25 हजार का इनामिया अपराधी भूपेन्द्र पाल पुलिस के हत्थे चढ गया। साल 2004 में कंधई कोतवाली इलाके के नेवरा गांव में हुई अधिवक्ता मुन्नीलाल पाल की हत्या के मामले में अदालत ने साल दो हजार सात में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
इस जघन्य हत्याकांड के मामले जिला कारागार में सजा काट रहा भूपेंद्र पाल अप्रेल दो हजार चौदह में कारागार में बीमार हुआ तो डॉक्टरों ने इलाहाबाद के लिए रेफर कर दिया। जिसके बाद पुलिसकर्मी ट्रेन से इलाज हेतु इलाहाबाद ले जा रहे थे कि भुपियामऊ स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही भूपेंद्र फरार हो गया । बात जब पुलिस अधिकारियों को हुई तो विभाग के साथ ही जेल प्रशासन में हड़कम्प मच गया। मामले को उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया और उक्त सजायाफ्ता की गिरफ्तारी के पुलिस अधीक्षक को कड़े निर्देश दिए।
जिसके बाद जागा पुलिस प्रशासन भूपेंद्र के सिर पर पुलिस अधीक्षक ने पचीस हजार का इनाम घोषित करने के साथ ही जिले के तेज तर्रार निरीक्षक मृत्युंजय मिश्र को जिम्मेदारी सौंपी और इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया। कल देर शाम मृत्युंजय मिश्र की अगुआई में भुपियामऊ ओवरब्रिज के नीचे रेलवे लाइन के पास से पुलिस की स्पेशल टीम ने दबोच कर एक बार फिर सलाखों के पीछे धकेलने में कामयाब रही। पुलिस अधीक्षक ने इस सफलता के लिए टीम को दस हजार नकद का इनाम भी प्रदान किया। एसपी देवरंजन वर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में खुलासा किया है।
(रिपोर्ट- मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़)