यूपी के प्रतापगढ़ में गुरुवार आधीरात में पुलिस और डकैतों में हुई मुठभेड़ में पीआरवी जवान सिपाही राज किशोर चौहान को गोली लग गई, जबरजस्त फायरिंग के बीच पूरा गिरोह फायरिंग करता फरार हो गया। दरअसल रात लगभग एक बजे की है जब हीरो बाइक के शोरूम में चैनल तोड़कर शोरूम में घुसे 5 डकैत डकैत घुस गए।
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इसी बीच आहट पाकर पहली मंजिल पर सो रहा एजेंसी मालिक विनय जायसवाल जाग गया और कमरे में लगे सीसीटीवी में देखा तो 5 डकैत भीतर नजर आए। फौरन फोन पर सीओ, कोतवाल के साथ ही 112 पर सूचना दी।
सिपाही को लगी गोली…
सूचना पर तत्काल पहुंची पुलिस की डकैतों से हुई मुठभेड़ हो गई और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गई। इस फायरिंग में 112 में तैनात सिपाही राजकिशोर को गोली लग गई, जबकि डकैत फायरिंग करते हुए फरार हो गए और पुलिस हाथ मलती रह गई। आधीरात के बाद हुई ताबड़तोड़ फायरिंग से इलाके में दहसत फैल गई। घायल कांस्टेबल को पुलिस ने अस्पताल में कराया भर्ती, जहा से डॉक्टरों ने किया प्रयागराज रेफर कर दिया।
इस बाबत सुबह से पुलिस पक्ष जानने की कोशिशें लगातार जारी रही लेकिन पुलिस अपनी किरकिरी बचाने के फेर में लगी रही। लगातार पत्रकारों के फोन के बाद घटना 12 घण्टे बाद प्रभारी एसपी ने सवालों से बचते हुए बयान सोशलमीडिया के माध्यम से जारी किया और घटना के बाबत आधी अधूरी जानकारी और शीघ्र गिरफ्तारी का दावा किया लेकिन सीसीटीवी फुटेज दबा गए।
5 बदमाश दुकान के भीतर डकैती की नीयत से घुसे थे
जिले की निशानेबाज पुलिस कथित मुठभेड़ों में तो बदमाशो को पैर में जब गोली मारती है तब निशाना अचूक होता और कोई भी पुलिसकर्मी घायल तक नही होता, लेकिन आज जब असल मुठभेड़ हुई, 5 बदमाश दुकान के भीतर डकैती की नीयत से घुसे थे और कुछ बदमाश बाहर मॉनिटरिंग में लगे थे तो क्या पुलिस के आधुनिक असलहे दगा दे गए या फिर पुलिस के हौसले पस्त हो गए जिसके चलते डकैत फरार हो गए।
हालांकि सूत्र बताते है कि एक दर्जन फायर हुआ जिसके चलते लोग हड़बड़ा कर जाग गए थे। बड़ा सवाल आखिर जिस सीसीटीवी फुटेज को पुलिस छिपा रही है उसके सार्वजनिक होने से ही उसको डकैतों को पकड़ने में मदद मिल सकती थी।
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(रिपोर्ट- मनोज त्रिपाठी, प्रतापगढ़)