प्रतापगढ़ में जिलाधिकारी आवास पर शुक्रवार को प्रशासनिक अधिकारियों के बीच करीब साढ़े चार घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला। एसडीएम (SDM) विनीत उपाध्याय और उनकी पत्नी आवास पर कैंप कार्यालय स्थित जिलाधिकारी डा. रूपेश कुमार के चैंबर में दोपहर करीब 12.30 बजे से शाम 5 बजे तक धरने पर बैठे रहे।
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दोनों ने प्रशासनिक अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। बाद में अन्य अधिकारियों ने समझाकर धरना खत्म कराया। देर शाम शासन ने एसडीएम (SDM) को निलंबित कर राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया और मामले की जांच प्रयागराज मंडलायुक्त आर. रमेश कुमार को सौंप दी।
अधिकारियों पर लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप
दरअसल जिलाधिकारी एडीएम और एसडीएम (SDM) सदर पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप, एक्स्ट्रा मजिस्ट्रेट विपिन उपाध्याय ने भ्रस्टाचार का आरोप लगाते हुए लगभग बारह बजे डीएम के बंगले में कैम्प कार्यालय स्थित डीएम के चेम्बर में जमीन पर ही धरने पर बैठ गए। बंगले में उनकी पत्नी भी साथ मे रही, लेकिन बाद में उन्हें अलग कर दिया गया।
एसडीएम से धरना खत्म कराने की कोशिश नाकाम हुई तो सीओ समेत भारी पुलिस बल गाड़ियों समेत बंगले में दाखिल हुआ इस दौरान खुफिया तंत्र भी सक्रिय रहा, लेकिन मीडिया को बंगले से दूर रखा गया जिसके बाद पत्रकारों से नोकझोक भी हुई। एसडीएम को मीडिया से मिलने भी नही दिया गया। एडीएम शत्रोहन वैश्य का दावा है कि विपिन उपाध्याय का लालगंज तैनाती के दौरान वकीलों से विवाद हुआ था जिसमे विपन ने अपने गार्ड की राइफल छीनकर वकीलों को धमकाने का प्रयास किया था ।
इस वजह से थे नाराज..
दूसरा मामला धधुआगजन में पट्टे की जमीन पर मान्यता प्राप्त स्कूल को लालगंज में चलाया जा रहा था जिसको निरस्त करना चाहते थे जिसे हमने बाद में निरस्त भी कर दिया था, और वकीलों ने मामले को हाईकोर्ट के साथ ही कार्मिक और नियुक्ति विभाग में शिकायत की थी जिसकी जांच करके हमने रिपोर्ट भेज दी थी जिसके चलते एसडीएम नाराज हो गए।
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(रिपोर्ट- मनोज त्रिपाठी, प्रतापगढ़)