दो मासूमों से पहले मां के आंचल का साया और आज पिता का सहारा भी छिन गया। मां की ममता का पलड़ा अदालत में भारी पड़ गया। कहा जाता है मां की ममता अनमोल होती है और आज साबित कर दिखाया अमित यादव ने जो अपनी माँ की हत्या का इकलौता चश्मदीद था हालांकि घटना के समय अमित महज 5 साल का था।
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2016 की थी पत्नी की हत्या…
दरअसल वाकया चार साल पहले 12 जून 2016 का है। सुबह लगभग 10 बजे थे कि रामलखन अपनी पत्नी अमरावती जो दो मासूम बच्चों की माँ थी को घर के भीतर गले पर पैर रखकर चढ़ गया और दबा उसकी हत्या कर दी, हत्या से उसका मन नही भरा और साक्ष्य मिटाने को तेल छिड़क कर शव को आग के हवाले कर दिया। पिता की सारी हैवानियत बेबस मासूम आंखे देख रही थी लेकिन पिता ने झिड़क कर वहा से भगा दिया।
पोस्टमार्टम में हुआ था हत्या का खुलासा
रामलखन अमरावती के जल जाने के बाद इलाकाई थाने पहुच कर पत्नी द्वारा आग लगाकर आत्महत्या की तहरीर दे दिया। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में अमरावती के गर्दन की हड्डी टूटी होने पोल खुली। अब पुलिस घटना की हकीकत खंगालने में जुट गई, आरोपी और मृतका के सिवा घर मे बड़ा बेटा 5 साल का अमित और 3 साल का छोटा बेटा ही थे।
बेटे ने खोली पिता की पोल
जब पुलिस ने मासूम अमित से उसकी माँ की मौत के बाबत अकेले में पूंछतांछ की तो आत्महत्या की कहानी की परतें खुल गई और सारी हकीकत सामने आ गई। अमित ने पुलिस को बताया कि पहले पिता ने मां को घर के सामने मारापीटा और घसीट कर घर के भीतर ले गया जहा पूरी वारदात को अंजाम दिया। जिसके बाद पुलिस ने रामलखन को जेल भेज दिया था लेकिन जमानत चल रहा था।
अदालत ने दोनों मासूमो को मातृत्व लाभ से वंचित रहने के लिए बतौर कम्पनसेसन जुर्माने की राशि 30 हजार में 10-10 हजार देने का प्राविधान किया है। हत्या के मामले में आजीवन कारावास और 25 हजार जुर्माना, जुर्माना न अदा कर पाने पर 2 वर्ष की अतिरिक्त सजा के साथ ही साक्ष्य मिटाने के आरोप में 5 साल की सजा 5 हजार जुर्माना की सजा सुनाई गई।
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(रिपोर्ट- मनोज त्रिपाठी, प्रतापगढ़)