प्रतापगढ़ — अयोध्या मामले में बहस पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट से किसी भी दिन फैसला आ सकता है। इसे लेकर पुलिस अलर्ट हो गई है। इसी कड़ी में रविवार को सुबह प्रतापगढ़ पुलिस लाइन में एएसपी पश्चिमी दिनेश कुमार द्विवेदी की अगुवाई में दंगा नियंत्रण ड्रिल की गई।
इस दौरान दंगा नियंत्रण के लिए की जाने वाली कार्रवाईयों के बारे में बताने के बाद एएसपी ने ड्रिल शुरू कराया। बवालियों भाग जाओ-भाग जाओ की आवाज सुनने के साथ गोलियों की तड़तड़ाहट से लोग चौंक गए।वहीं रोड से गुजर रहे लोग रुक कर पुलिस लाइन की ओर देखने लगे। बाद में पता चला कि पुलिस दंगा नियंत्रण ड्रिल कर रही है। ट्रेनी पुलिस कर्मी परेड ग्राउंड पर जमकर नारेबाजी कर रहे थे।
रिहर्सल दौरान दंगाइयों से निपटने को पहले फायर ब्रिगेड लगाई गई, जिसे वाटर केनन के माध्यम से बलवाइयों को तितर-वितर करना था लेकिन वो नाकामयाब रही और ट्रेनी पुलिस के जवान नारीबजी के बीच पानी मे भीगने का आनंद लेते रहे। इसके बाद बारी आई आंसूगैस के गोले दाग कर नियंत्रण की रिहर्सल की आधा दर्जन थानेदारों को गन देकर फायर करने को लगाया गया।
अभ्यास न होने के चलते ट्रिगर नही दगता देख निर्देशित किया गया कि ताकत लगाओ लेकिन दो थानेदार ही कामयाब हुए बाकी गनो से नही निकल सका आंसूगैस का गोला।इसके बाद रबर की गोली और ब्लैंक कारतूस से फायरिंग कराई गई। वाटर केनन की विफलता की बाबत जब अधिकारियों ने फायर ऑफिसर से पूंछा तो उनका जवाब था कि गाड़ी बहुत पुरानी हो चुकी है।
गौरतबल है कि ये सारी कवायद राम मंदिर पर आने वाले अदालत के फैसले के मद्देनजर की जा रही थी। सवाल ये है कि यदि इस तरह की परिस्थिति पैदा हो गई तो कैसे निपटेगी पुलिस। अभ्यास के दौरान जिले के सभी एसओ, उनके हमराही, थाने के दारोगा, दमकल कर्मी बुलाए गए थे।
(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़)