बलिया–बलिया में बनी पीपीई किट को भारत सरकार की मंजूरी मिल गयी है। कानुपर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के लेबोरेट्री में किट का परीक्षण किया वही बैग बनाने वाले उद्यमी को जिला प्रशासन ने सम्मानित किया।
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कहते है राह कितनी भी कठिन क्यों न हो, इरादे अगर बुलन्द हो तो किस्मत बदल ही जाती है। जिस कोरोना काल मे विदेशों से लेकर भारत के अंदर भी पीपीई किट की कमी एक बड़ी समस्या बनी रही वही बलिया पीपीई किट के मामले में शुरू से ही आत्म निर्भर बन गया। ये कमाल किया बलिया शहर के एक छोटे से उद्यमी सुरेंद्र सिंह छाबड़ा ने। पेशे से बैग बनाने का काम करने वाले सुरेंद्र ने लॉक डाउन के दौरन पीपीई किट बनाने का फैसला किया जिसके लिए उन्होंने खुद ही गाड़ी चला कर नोयडा से लेकर चेन्नई तक का सफर तैय किया। कई नाकामियों के बाद सुरेंद्र ने सही पीपीई किट तैयार की जिसे भारत सरकार के कानुपर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की लेबोरेट्री ने मुहर लगा कर अप्रूवल दे दिया।
सुरेंद्र छाबड़ा द्वारा बनाये जा रहे पीपीई किट का इस्तेमाल बलिया में कोरोना पेसेंट का इलाज कर रहे चिकित्साकर्मी भी कर रहे है वहीं सामान्य तौर पर जहां पीपीई किट की कीमत 12 सौ रुपये है वही बलिया में बनी पीपीई किट की कीमत महज 6 सौ रुपये के आस पास है। सुरेंद्र सिंह के इस कामयाबी के पीछे सरकार के स्टार्टप योजना के जरिये जिला उद्योग विभाग द्वारा वो सहयोग भी है जिसकी बदौलत टेक्नॉलजी से लेकर रॉ मैटेरियल की उपलब्धता आसानी से सुलभ हो गयी।
(रिपोर्ट-मनोज चतुर्वेदी ,बलिया)