अहमदाबाद — दुनिया के किसी भी लोकतंत्र में चुनाव और मताधिकार सबसे जरूरी है। चुनाव को लोकतंत्र का उत्सव माना जाता है। चुनाव प्रक्रिया लोकतंत्र की आत्मा है और चुनाव आयोग लगातार इस बात का प्रयास कर रहा है कि हर एक नागरिक को अपने वोट देने के अधिकार को पूरा करने का अवसर मिले। इसका सबसे बड़ा उदाहरण गुजरात चुनाव में देखने को मिल रहा है। आयोग ने राज्य के गिर सोमनाथ जिले के बानेज गांव में मात्र एक वोटर के लिए पोलिंग बूथ बनाया है।
बानेज ऐतिहासिक तीर्थ स्थल है और घने जंगलों के बीच स्थित है। यह पोलिंग बूथ गुजरात की शान कहे जाने वाले एशियाई शेरों के गिर सेंचुरी के अंदर है। इस सेंचुरी के अंदर किसी को रहने की इजाजत नहीं है ,लेकिन बनेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी महंत भारतदास गुरु दर्शन दास पिछले कई वर्षों से यहां रह रहे हैं। बानेज गांव में वह एकमात्र वोटर हैं।
गुरु भारत दास ने कहा, ‘अन्य पोलिंग बूथों की तरह यहां बानेज में एक वोटर के लिए भी पूरे कर्मचारी आते हैं। इसमें मतदान अधिकारी, दो चुनाव एजेंट, एक चपरासी, दो पुलिसकर्मी और एक सीआरपीएफ जवान मतदान खत्म होने तक ड्यूटी करते हैं। गुजरात में पहली बार वीवीपीएटी ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा, इसको देखते हुए हाल ही में बानेज में वोट देने की प्रक्रिया को बताया गया था।’
चुनाव के एक दिन पहले वन विभाग के कमरे में मतदान अधिकारी रुकते हैं जो मंदिर से 100 मीटर दूर है। इसी कमरे में ही अगले दिन पोलिंग बूथ बना दिया जाता है। चुनाव आयोग के इस इंतजाम पर एकमात्र वोटर महंत भारत दास कहते हैं, ‘एक वोट के लिए चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया का हिस्सा होकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। यह देश के लोकतंत्र के लिए गौरव की बात है।’