सहारनपुर–नागरिक संशोधन क़ानून CAA , NRC व NPR को लेकर देश में अफ़रा तफ़री का माहौल है।आसाम में हुई NRC के परिणाम साम्प्रदायिक सियासत करने वाली मोदी की भारतीय जनता पार्टी के विपरीत आए हैं।
इसलिए नरेंद्र मोदी की भाजपा की केन्द्र सरकार ने नया फ़ार्मूला तैयार किया है पहले CAA (नागरिक संशोधन क़ानून) लाए उसके बाद NPR लागू होना ही था लेकिन केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने इसमें भी नागपुर का तड़का लगा दिया कुछ ऐसे कालम बढ़ा दिए जिसके बढ़ जाने से 50% NRC हो जाएगी जिन लोगों को टारगेट किया जाना है उनको कुछ को NPR में संदिग्ध कर दिया जाएगा उसके बाद फिर उनसे उनकी नागरिकता का प्रमाण माँगा जाएगा जिनके पास कोई सबूत नहीं होगा जैसे अधिकतर लोगों के पास नहीं है उनमें हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई सभी है उनको घुसपैठिया घोषित कर दिया जाएगा और वह फिर अपनी नागरिकता के लिए कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने को मजबूर होंगे वहाँ भी उनकी कोई मदद न हो ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसा आसाम में हुआ है।लोगों का मानना है कि वर्तमान सरकार का हर मुद्दे पर हिन्दू मुसलमान करना उसकी कार्य क्षमता पर सवालिया निशान लगाता है ।
हमारे सूत्रों के मुताबिक़ जो लोग इस धरना प्रदर्शन को करा रहे हैं या सहयोग कर रहे हैं उनके ख़िलाफ़ पुलिस प्रशासन से मिलकर संगीन धाराओं में FIR दर्ज कराने की नाकाम कोशिश करा चुकें हैं जिसको FIR कराने में हथियार बनाया जा रहा था उसने मना कर दिया इस लिए नही हो पायी इस फ़र्ज़ी कयादत का दंभ भरने वाले नेता ने उसपर काफ़ी दबाव बनाया कि चाचा मान जाओ लेकिन चाचा थे कि मान के ही नहीं दिए और उनके अरमान धरे के धरे रह गए।असल में देवबन्द सत्याग्रह से सहारनपुर की सियासत में पिछले चालीस सालों से एक छत्र राज करने वाले परिवार की सियासी ज़मीन खिसक रही है इसलिए वह अपनी घिनौनी सियासी चालों का कुचक्र चल रहे हैं लेकिन वह कामयाब नहीं हो पा रहे हैं नेता और चंदा खोर मौलवी अपने फ़ायदे के लिए किस हद तक गिर जाते हैं इसका अंदाज़ा ही लगाया जा सकता है।
देवबन्द एक धार्मिक नगरी के नाम से जाना जाता है और यहाँ मौलवियों का भी हल्का है जो अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहते हैं उनका एक गुट भी इस काम में लगा है कि किसी तरह वहाँ कुछ ऐसा हो जाए जिससे पुलिस प्रशासन बहाना बनाकर देवबन्द सत्याग्रह को ख़त्म करा दें सब मौलवी नहीं है कुछ है जो यह सब दिखाकर सरकार से पैसा लेने में कामयाब हो जाते थे या अपने कालेधन को छिपाने में मदद लिया करते हैं ऐसे जय चंद लगे हैं देवबन्द सत्याग्रह को ख़त्म कराने के लिए लेकिन इन सब बाधाओं के बावजूद देवबन्द सत्याग्रह सफलतापूर्वक अपनी आवाज़ बुलंद कर मोदी सरकार को CAA वापिस लिए जाने की अपनी माँग पर अड़े हुए हैं।
(रिपोर्ट-तौशीफ कुरैशी, सहारनपुर)