लखनऊ — लोकसभा चुनाव की तारीखे जैसे-जैसे नज़दीक आती जा रही है सियासी तपिश भी बढ़ती जा रही है। यूपी में आज कल रैलियों का रेला चल रहा है जैसे मेरठ में
बसपा की सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन प्रत्याशी हाजी याकूब के समर्थन में बडी ज़बरदस्त रैली की और बागपत में रालोद नेता जयंत चौधरी के समर्थन में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बडी सभा की जिसमें जाट जाति की अपार भीड़ रही साथ ही दलित व मुसलमान भी भारी संख्या में शामिल हुए यही हाल मेरठ और ग़ाज़ियाबाद में भी रहा।
कहते है देश की सत्ता को साधने के लिए यूपी में मजबूत लड़ना पड़ता है उसी को ध्यान में रखते हुए सभी नेताओं का फ़ोकस यूपी पर ही केंद्रित हो रहा है यूपी की सियासत बसपा-सपा और रालोद के साथ लड़ने से मोदी की भाजपा में यूपी के सियासी हालात से खलबली देखी जा रही है।मोदी की भाजपा के द्वारा मेरठ व नानौता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैलियों में भीड़ नही जुट पाने से मोदी की भाजपा हैरान और परेशान नज़र आ रही है वही देवबन्द में गठबंधन की रैली में आई अपार भीड़ ने ये साबित करा दिया कि दलित , मुसलमान , जाट व यादव एकजुट हो रहे है यही एकजुटता मोदी की भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन रही है।गठबंधन के द्वारा बागपत , मेरठ व ग़ाज़ियाबाद की रैलियों में भी बहुत भारी भीड़ शामिल रही है।
सहारनपुर के कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद की ओर से आयोजित कार्यक्रम को रद करना पड़ा जिसमें राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के शामिल होने की बात की जा रही थी लेकिन मौसम ख़राब होने की वजह से कांग्रेस का ये कार्यक्रम नही हो सका है इस कार्यक्रम की अहमियत इस लिए समझी जा रही थी क्योंकि गठबंधन ने अपनी पहली रैली सहारनपुर के देवबन्द में ही की थी जिसमें मुसलमानों की भागेदारी ने इमरान मसूद की सहारनपुर में कमर तौड दी थी उसी को कम करने के लिए इमरान के द्वारा राहुल और प्रियंका का कार्यक्रम रखा था लेकिन मौसम की ख़राबी ने इमरान की कोशिशों को धक्का लगा है।
गठबंधन ने मोदी की भाजपा को काफ़ी मुश्किलों में डाल दिया है।जहाँ तक आठ सीटों पर होने वाले मतदान का सवाल है वहाँ पर मुसलमान ,दलित , जाट और यादव के एकजुट होने की वजह से ही मोदी की भाजपा को हार का सामना करना पड़ रहा है नही तो मोदी की भाजपा हिन्दू वोटो में बहुत मजबूत चुनाव है लेकिन गठबंधन पर थोक वोट होने की वजह से यूपी से मोदी की विदाई मानी जा रही है।
(रिपोर्ट-तौसीफ़ क़ुरैशी,लखनऊ)