न्यूज डेस्क — उत्तर प्रदेश में पिछले ढाई सालों से पोलियो की प्रतिबंधित दवा पी-2 बच्चों को पिलाई जा रही थी लेकिन किसी भी अधिकारी का इस ध्यान इस पर नहीं गया।
खुलासा तब हुआ जब यूपी के मिर्जापुर जिले के चुनार व सदर तहसील के दो बच्चों को चलने में दिक्कत आई और उनकी जांच कराई गई जिसमें चौकाने वाला मामला सामने आने से हड़कंप मच गया। इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश व केंद्र सरकार को भेजी। इसके बाद सरकार ने दवा सप्लाई पर पाबंदी लगा दी। सरकार ने अब दूसरी कंपनी से पोलियो की दवा सप्लाई करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि पोलियो रोग को तीन दवाओं से ठीक किया जाता है। इसमें पहला पी-1 है दूसरा पी-2 है और तीसरा पी-3। इनके पिलाने से पोलियो रोगों से आसानी से लड़ा जा सकता है। पिछले 21 साल से यह तीनों वैक्सीन की दवाएं बच्चों को पिलाई जा रही थीं। पोलियो रोग धीरे-धीरे समाप्त हो गया।
पोलियो रोग समाप्त होने पर पी-2 वैक्सीन की दवा को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। लेकिन अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अब भी पी-1, पी-3 के रोगी पाए जाने के चलते उसका असर यहां नहीं आ जाए, इसलिए अब भी पी-1 और पी-3 की दवाएं बच्चों को पिलाई जा रही हैं। भारत सरकार की पाबंदी के बावजूद कंपनी ने पी-2 दवा को बंद नहीं किया और तीनों वैक्सीन की लगातार सप्लाई करती रही।
ऐसे हुआ खुलासा
मामला तब पकड़ में आया जब चुनार को कोलऊंद व सदर तहसील के खजुरी गांव निवासी दो-दो साल के दो बच्चों को अचानक चलने में दिक्कत पैदा होने लगी। परिजन बच्चों को अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने बीमारी का पता लगाने के लिए उनकी जांच कराई। जांच में पाया गया कि दोनों बच्चों को पोलियो नहीं है बल्कि उनके पैरों की नसों में खिंचाव आने से उनको चलने में दिक्कत हो रही है। जिसको ठीक करा दिया गया है। लेकिन इस जांच में एक बड़े मामले का खुलासा हुआ।
जांच में पाया गया कि बच्चों को पी-1 और पी-3 ही नहीं प्रतिबंधित दवा पी-2 भी पिलाई जा रही है। जो कभी भी खतरा पैदा कर सकती है। जानकारी होते ही अधिकारियों ने रिपोर्ट बनाकर शासन के पास भेजी तो भारत सरकार ने कंपनी की दवा सप्लाई पर ही पाबंदी लगा दी, साथ ही नई कंपनी को दवा सप्लाई करने का निर्देश दिया।