कानपुर देहात–कानपुर देहात पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। दरअसल पुराने ज़मीनी विवाद के चलते पुलिस एक कारोबारी को थाने ले आयी और उसके साथ अपराधियो वाला सुलूक किया गया और देर रात 1 लाख रुपये देकर छोड़ा गया।
सुबह फिर उसे चौकी बुलाया गया और जमकर टार्चर किया गया। जिसके बाद पुलिस प्रताड़ना से कारोबारी इतना दहशतज़दा हो गया कि उसने ज़हर खा लिया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी लेकिन मरने से पहले कारोबारी पुलिसिया प्रताड़ना की दास्तान बयान कर गया।
आरोप है जमीनी विवाद को लेकर पुरानी जमीनी विवाद को लेकर क्षेत्र के ही इन्तज़ार और आजाद से रंजिश चल रही थी। इंतज़ार औऱ आजाद पैसे में सम्पन्न थे। लिहाजा उनकी स्थानीय पुलिस से अच्छी साठ गांठ थी इंतज़ार और आजाद के कहने पर कंचौसी चौकी इंचार्ज विनोद कुमार कारोबारी प्रभाकर पोरवाल को उठा लाए और चौकी में प्रभाकर को जम कर टार्चर किया गया था। तमाम यातनाए दी गई औऱ देर रात एक लाख रुपए लेकर प्रभाकर को छोड़ा गया सुबह फिर प्रभाकर को कंचौसी चौकी बुलाया गया टार्चर का सिलसिला फिर शुरू हो गया।
किसी तरह कंचौसी चौकी इंचार्ज की चंगुल से छूटे लेकिन पुलिसिया खौफ इस कदर दिल मे बस गया कि प्रभाकर ने जहर पी लिया। इलाज के दौरान प्रभाकर की मौत हो गई लेकिन मौत से पहले प्रभाकर ने पुलिसिया टार्चर और यातनाओ की दास्तान बयान कर दी।
(रिपोर्ट-संजय कुमार, कानपुर देहात )