फर्रुखाबाद–जिले में पुलिस दिन रात जनता की सेवा में लगे रहती है।लेकिन उनके व परिवार के लिए जो आवास बने हुए वह वर्षो पुराने है।बहुत से भवन ऐसे है जो अंग्रेजो के जमाने मे बनाये गए थे।जिसका एक नमूना सदर कोतवाली का है , जहां पर पुलिस वालों के दर्जनों परिवार एक कालोनी में रहते है
वह कालोनी अंदर से बहुत मजबूत दिखाई देती है लेकिन वाहर से दीबारो की ईंट निकल रही है।दीबारो पर पेड़ पैदा होने लगे है।फिर भी कई वर्षों से उसका रखरखाव नही किया गया है।यदि इस भवन में कोई तेज झटका लगा तो धराशायी हो सकता है।प्रदेश की सरकार पुलिस को आधुनिक बनाने की बात करती है दूसरी तरफ उनके परिवारों को रहने के लिए सुरक्षित मकान भी नही दे पा रही है।जिले में बहुत सी पुलिस चौकी ऐसी है जो किराए या मांगे हुए भवनों में चल रही है।जिनमे गेट तक नही है दूसरी तरफ अन्य राज्यो की तरह भूकम्प के झटके लगे तो इमारते जरूर गिर जायेगी।
गिरने की कगार पर कमालगंज थाना,कम्पिल थाना,शमशाबाद थाना सहित दर्जनों चौकिया है जिनकी इमारते बहुत ही पुरानी है।देखना यह कि जो पुलिस जनता की रक्षा करती है उनके परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी कब पूरी होगी।अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा प्रदेश की पुलिस को आधुनिक बनाया जा रहा है उसके लिए मायावती सरकार के बाद धन आना शुरू हुआ है।धीरे धीरे जिले जो भी खराब इमारते है उनका निर्माण कराया जायेगा।
सरकारी कर्मचारी व अधिकारियों के लिए जो भवन बने हुए है उन भवनों में करीब 10 वर्ष पहले ट्रांसफर हो गया फिर भी अपने परिवार को यहां के आवासों में रखे हुए है।जबकि जिस जिले में नौकरी कर रहे है वहा भी मकान प्राप्त कर लिया है।फिर भी जिले के भवन खाली नही कर रहे है।अधिकारी उनको खाली भी नही करा पा रहे है जिले की पुलिस के बहुत से कर्मचारी किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रहते है।इस बात पर कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नही है।
(रिपोर्ट- दिलीप कटियार,फर्रुखाबाद)