सोनभद्र पुलिस ने दो नाबालिक लड़कियों को मानव तस्करी या फिर उनके साथ अन्य गलत घटना होने से पूर्व सक्रियता दिखाते हुए सकुशल बचाया और परिजनों को सौप दिया लेकिन उस गिरोह के प्रति कोई कानूनी कार्रवाई पुलिस ने अभी तक नही किया जिससे सच्चाई सामने आती दिख नही रही है। पुलिस ने यह तनिक भी जानने का प्रयास नही किया कि आखिर इन दोनो नाबालिक लड़कियों को मुंबई बस द्वारा क्यो भेजा जा रहा था।
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बम्बई में अच्छी नौकरी दिलाने के नाम बेचा…
यह मामला तब सामने आया जब दोनो लडकिया बिरसा मुण्डा फाउंडेशन कार्यालय पहुची। जिस पर फाउंडेशन की सेक्रेटरी श्वेता त्रिपाठी ने बताया कि मामला रावर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र का है यहां की दोनो नाबालिक लड़कियों ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र देकर आरोप लगाया है कि उसकी पड़ोसी महिला फातिमा बेगम अपने लोगो के साथ मिलकर बम्बई में अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर उन्हें घर से भगायी और बस से इन्दौर भेजवा दिया।
पुलिस अधीक्षक को दिए प्रार्थना पत्र के आधार पर लड़कियों ने बताया कि उनकी पड़ोसी फातिमा हम दोनो को 5 अक्टूबर की भोर में घर से पैदल ही सुकृत तक लेकर आई जहां से आटो द्वारा अहरौरा भेजा और वहाँ बस से वाराणसी पहुचे जहाँ बल्ली नामक युवक पहुचा जो हम दोनों को जौनपुर बस से ले गया और सर्राफा की दुकान पर हम सभी के गहने बेचवा कर सभी पैसे ले लिया। इसके बाद वाराणसी लाया जहां इंदौर की बस पर बैठकर मुम्बई का टिकट कटवा दिया।
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
हम लोग इंदौर पहुचे तो शक हुआ क्योकि फातिमा हम लोगो से लोकेशन पूछती रहती थी जिस पर शक हुआ तो अपने घर फोन करके जानकारी दिया। जिस पर घरवालो ने पुलिस को सूचना दिया और सुकृत पुलिस ने बस चालक से बात किया तो वह वाराणसी वापस लाया और पुलिस को सौप दिया , बस ड्राइबर और पुलिस ने बताया कि हम लोगो को मुंबई बेचने ले जाया जा रहा था ।
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(रिपोर्ट- रविदेव पाण्डेय, सोनभद्र)