पुलिस ने बर्बाद की दो युवाओं की जिंदगी,एक साल बाद जिंदा मिली युवती

बाराबंकी — किसी भी आपराधिक मामले में पुलिस की तफ्तीश यानी इन्वेस्टिगेशन सबसे अहम पहलू होता है । तफ्तीश के दौरान जांच अधिकारी द्वारा जुटाये गए सबूत ही पूरे केस की दिशा तय करते है और गुनाहगार को उसके जुर्म की सज़ा दिलाने में मददगार होते है ।

लेकिन बाराबंकी में पुलिस कितनी लापरवाही से मुकदमो की तफ्तीश कर रही है ये देखने को मिला दरियाबाद इलाके में। जहां पुलिस ने बीते साल जिस छात्रा के अपहरण और हत्या के आरोप में 2 युवको को जेल भेजा दिया था वो छात्रा अपने प्रेमी और बच्चे के साथ ज़िन्दा बरामद हो हुई है ।

दरअसल जिन बेगुनाहों के लाख दुहाई देने के बाद भी पुलिस ने उनकी एक नही सुनी और उन्हें युवती के अपहरण और हत्या के जुर्म में सलाखो के पीछे पहुंचा दिया था हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर निकले उन युवको ने ही खुद की बेगुनाही साबित करने के लिए युवती को खोज निकाला  । अब इस सनसनीखेज खुलासे के बाद पुलिस के अधिकारी भी बैकफुट पर है और गलत तफ्तीश करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की बात कह रहे है। 

बता दें कि पुलिसिया तफ्तीश की पोल खोलने वाला ये मामला बाराबंकी के दरियाबाद इलाके के तारापुर गांव का है। जहां बीते साल 6 मार्च  की सुबह इंटरमीडिएट की छात्रा नेहा यादव  यूपी बोर्ड की परीक्षा देने घर से निकली तो लेकिन उसके बाद  रहस्यमयी तरीके से लापता हो गयी । नेहा के लापता होने के कुछ दिन बाद ही इलाके की एक नहर में एक युवती की सड़ी गली लाश बरामद हुई जिसकी शिनाख्त  नेहा के घरवालों ने नेहा के तौर पर करते हुए  गाँव के दो युवकों पर अपहरण के बाद हत्या करने का शक जता दिया  । जिसके बाद पुलिस ने  मामले की गंभीरता से जांच किये बिना ही दोनों युवकों के खिलाफ संगीन  धाराओं में मुकदमा लिखते हुए उन्हें सलाखों के पीछे पहुँचा दिया और नेहा के अपहरण और हत्या के केस से पल्ला झाड़ लिया । 

उधर नेहा यादव के अपहरण और हत्या के झूठे इल्ज़ाम में जेल में बंद बेगुनाह युवको ने अपने वकील के ज़रिए हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल करायी और  हाई कोर्ट से  जमानत मंजूर होने के  बाद जेल से बाहर आये दोनों युवक खुद की बेगुनाही साबित करने के लिए नेहा की तलाश में लग गए और जहां चाह वहां राह की तर्ज पर आखिर दोनों ने नेहा को खोज ही निकाला । नेहा को खोजने के बाद दोनों युवकों ने बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक सतीश कुमार को सारा मामला बताते हुए मदद की गुहार लगायी । मामला बेहद गंभीर था लिहाज़ा बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक हरकत में आये और पुलिस टीम भेज कर नेहा और उसके प्रेमी को थाने पर बुलवा भेजा । 

पुलिस की गिरफ्त मे आने  के बाद नेहा ने जो बताया वो बेहद हैरान करने वाला है । नेहा की माने तो उसका अपहरण नही हुआ था बल्कि उसने खुद ही अपने प्रेमी प्रेम नारायण के साथ भागकर शादी कर ली थी । लेकिन घर से भागने के कुछ दिनों के बाद जब उनसे अखबारों में अपने अपहरण और हत्या की खबरे देखी तो उसने अपने चाचा को फोन कर सच्चाई भी बतायी लेकिन उसके चाचा ने उसे फटकार लगाते हुए फ़ोन काट दिया और दोनों युवकों पर ही अपहरण और हत्या का आरोप लगाते रहे । 

फिलहाल इस सनसनीखेज खुलासे से शर्मिंदा बाराबंकी पुलिस के अधिकारी अब पुलिस को गुमराह करने वाले नेहा के परिजनों और इस मामले की तफ्तीश में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहे है। वही पुलिस के सामने एक बड़ा चैलेंज अब उस लाश की सच्चाई का पता लगाना है जिसकी शिनाख्त नेहा के घरवालों ने नेहा के तौर पर कर दोनों युवकों पर अपहरण और हत्या का इल्जाम लगाया था । भले साल भर पहले मरी नेहा आज जिंदा बरामद हो गयी हो लेकिन उसकी सकुशल बरामदगी ने बाराबंकी  पुलिस के सामने ऐसे कई सवाल खड़े कर दिए है जिनका जवाब पुलिस के लिए आसान नही ।

(रिपोर्ट-सतीश कश्यप,बाराबंकी) 

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