एटा पुलिस के अजीबो-गरीब कारनामे सामने आ रहे हैं, अगर कोई भी व्यक्ति पुलिस से खाना खाने के रुपए मांगता है तो पुलिस दिखा देती है फर्जी मुठभेड़ और भेज देती है जेल।
ऐसा ही मामला एटा जनपद में सामने आया है यहां पीड़ित विकलांग ने एटा डीएम से न्याय की गुहार लगाई है। वही एटा डीएम विभा चहल ने पीड़ित को न्याय का आश्वाशन देते हुए एएसपी क्राइम राहुल कुमार को जाँच सौपकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की बात कही है।
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ढाबे में मां बेटे करते थे गुजारा
बता दें कि ये पूरा मामला कोतवाली देहात थाना का है प्रवीण कुमार कभी टाटा केमिकल में एक इंजीनियर हुआ करता था 3 साल पहले एक सड़क हादसे में उसने अपना पैर गवा दिया दूसरा पैर भी ठीक से काम नहीं करता है।
इलाज में काफी रुपए खर्च होने के बाद घर की स्थिति काफी खराब हो गई थी जिसके बाद विकलांग प्रवीण ने अपने रिश्तेदार से जमीन किराए पर लेकर 5 माह पूर्व एक छोटा सा ढाबा शुरू किया था। जिस पर उसके माँ और भाई बैठकर अपनी रोजी-रोटी का गुजारा करते थे।
फ्री में खाना खाने को लेकर पुलिसकर्मियों ने मारपीट
4 मार्च को संतोष और शैलेंद्र नाम के थाना कोतवाली देहात में तैनात सिपाही खाना खाने आए जब प्रवीण ने सिपाहियों के खाना खाने के बाद रुपए मांगे तो दोनों से सिपाही आग बबूला हो गए और उस को काफी भला-बुरा कहते हुए मारपीट शुरू कर दी पुलिस यहीं पर ही नहीं रुके।
अगले दिन पुलिस ने प्लानिंग के तहत मैं थाना अध्यक्ष के होटल पर दबिश दे दी और 11 लोगों को होटल से उठाकर ले गई जिसमें से एक व्यक्ति को पुलिस द्वारा एक लाख लेकर छोड़ने का आरोप लगाया ।
10 लोगों को फर्जी मामला किया दर्ज
जबकि 10 लोगों को डकैती की योजना बनाते और मादक पदार्थ एवं से तमंचा लगाकर जेल भेज दिया। इस पूरे मामले पर जांच कर रहे एडिशन एसपी क्राइम राहुल कुमार ने बताया के जिलाधिकारी के द्वारा एक प्रार्थना पत्र जांच के लिए मेरे पास आया है..
जिसमें पुलिस कर्मियों की भूमिका संदिग्ध रही है पहले से गबन के मामले में थानाध्यक्ष इंद्रेश पाल पर मुकदमा दर्ज है। नया मामला यह मुझे जांच करने के लिए मिला है जिसमें पुलिस कर्मियों द्वारा गलत तरीके से लोगों को फंसाने का मामला संज्ञान में आया है।
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(रिपोर्ट-आर.बी. द्विवेदी, एटा)