बहराइच– आम जनता को सुरक्षा देने वाली पुलिस ही अगर जनता की जान की दुश्मन बन जाये तो उन्हें कौन बचाने आयेगा इसकी एक बानगी जनपद बहराइच में देखने को मिली।
जहां पर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के प्रभारी व उनकी टीम ने फर्जी गुडवर्क दिखाने के लिये दवा लेने आये एक युवक को पकड़कर उससे मादक पदार्थ की तस्करी करने का जुर्म कबूल करने को मजबूर करने के लिये इतना पीटा की वो मरने की हालत में पहुंच गया। ये देखकर जिले की बहादुर पुलिस के हाथपांव फूल गये और आनन फानन में उसे गुपचुप तरीके से जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां पर उसकी हालत लगातार और बिगड़ने पर बिना लिखापढ़ी के अपने गुनाह छुपाने के लिये उसके परिजनों पर दबाव बनाकर लखनऊ रेफर करा दिया जहां पर वो जीवन व मृत्यु से संघर्ष कर रहा है।
जिले की एसओजी टीम ने एक युवक को शक के आधार पर दबोच लिया। आरोप है कि उसे बेरहमी से इस कदर पीटा कि युवक की हालत बिगड़ने लगी जिसके बाद देर रात पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों ने गंभीर रूप से घायल युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से हालत बिगड़ने के बाद डॉक्टरों ने उसे लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज के भीतर युवक की हालत काफी गंभीर बनी हुई है। वही पहले तो जिले के आलाधिकारी इस पूरी घटना को नकारते रहे लेकिन मामला बढ़ते देख पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने एस ओ जी प्रभारी को हटाकर अपर पुलिस अधीक्षक को जांच के आदेश दिये हैं ।
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने थर्ड डिग्री इस्तेमाल करने के दौरान युवक को तरह-तरह की यातनाएं दी है और जबरन अपराध को कुबूलने पर मजबूर किया है ।एसओजी पुलिस ने मामले को लगातार छुपाने का प्रयास किया लेकिन मीडिया में यह मामला आने के बाद जिले के कप्तान ने एसओजी प्रभारी को लाइन हाजिर करते हुए जांच का आदेश दिया है। युवक के ऊपर स्मैक बेचने का आरोप है।
हालांकि परिजनों का कहना है कि युवक बेकसूर है उसे केवल शक के आधार पर उठाया गया है युवक के परिजनों ने एसपी को प्रार्थना पत्र देकर दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
(रिपोर्ट-अनुराग पाठक, बहराइच)