लखनऊ– अपने ही थाने के अपराधी की जानकारी नहीं दे पा रही है पारा पुलिस। हम बात कर रहे हैं पारा थाना क्षेत्र में रह रहे एक संदिग्ध व्यक्ति के बारे में जिसने अपनी पहचान छुपाते हुए फर्जी आधार कार्ड बनवा लिया है और सलीम गद्दी से भैयालाल रावत बन बैठा है।
यह भी पढ़ें-दक्षिण कोरिया के बाद UAE ने दिया पाकिस्तान को करारा झटका
संदिग्ध व्यक्ति के खिलाफ महेश यादव ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर तीन बार शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें इस संदिग्ध व्यक्ति के संबंध में पारा पुलिस से जानकारी मांगी गई थी कि वह संदिग्ध व्यक्ति कहां का रहने वाला है। लखनऊ जनपद में रहने से पहले क्या कार्य करता था। उसने अपना फर्जी आधार कार्ड कैसे बनवा लिया है। लेकिन हर बार पारा पुलिस ने संदिग्ध व्यक्ति के खिलाफ गलत रिपोर्ट ही लगाई और सही जानकारी नहीं दी।
इस संबंध में जब जानकारी एकत्र की गई तो पता चला कि मोहान चौकी में तैनात हेड कांस्टेबल कृष्ण मोहन मिश्रा ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायतों का जवाब तैयार कर अधिकारियों के समक्ष प्रेषित किया था, जिस पर चौकी राजेश सिंह और विनय सिंह ने आंख मूंदकर हस्ताक्षर कर दिया। जानकारी अनुसार पारा थाने में संदिग्ध व्यक्ति के खिलाफ 2016 में मारपीट, असलहे के बट से हमला सहित हरिजन एक्ट का मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
लखनऊ: लगातार बढ़ रहे अपराधों पर ठाकुरगंज पुलिस की शानदार कामयाबी
वर्तमान में मामला कोर्ट में विचाराधीन है। अब सवाल यह उठता है कि सरकारी कागजों में नाम सलीम होने के बावजूद भी हेड कांस्टेबल कृष्ण मोहन मिश्रा ने भैया लाल रावत पुत्र राधे लाल रावत निवासी सरोसा भरोसा की रिपोर्ट कैसे लगा दी। इस रिपोर्ट में कोई बड़ा खेल तो नहीं है आखिरकार पुलिस सलीम को क्यों बचाने में जुटी हुई है। सलीम गद्दी के पास फर्जी दस्तावेज व आधार कार्ड जिसमें उसका नाम भैया लाल रावत पुत्र राधे निवासी सरोसा भरोसा लिखा हुआ है। पारा थाने का अपराधी व उसके पास फर्जी कागजात होने के बावजूद भी आखिर क्यों हेड कांस्टेबल कृष्ण मोहन मिश्र उसे बचाने में जुटे हुए है।