न्यूज डेस्क — पीएम मोदी को आज प्रवासी भारतीय भवन में आयोजित विशेष कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र की ओर से चैम्पियंस आॅफ अर्थ अवॉर्ड से नवाजा गया। वहीं भारत दौरे पर आए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पीएम को यह सम्मान दिया है।
इस अवसर पर मोदी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारत की नित्य निरंतर परंपरा का सम्मान है। यहां प्रकृति में परमात्मा को देखा जाता है। यहां पंच तत्व की पूजा होती है। यह भारत के जंगलों में बसे उन आदिवासी भाईयों का सम्मान है जो अपने जीवन से ज्यादा जंगलों को प्यार करते हैं।
यह भारत के मछुआरों का सम्मान है, जो उससे उतना ही लेते हैं जितना अर्थ उपार्जन के लिए आवश्यक है। ये कॉलेज में नहीं गए लेकिन मछलियों के प्रजनन के मौसम में अपने काम को रोक देते हैं। यह करोडों किसानों का सम्मान है जिनके लिए ऋतु चक्र ही जीवन चक्र है। जो माटी को अपने प्राणों से प्रिय मानते हैं।
यह उस नारी का सम्मान है जो पौधे में भी परमात्मा को देखती है। यह भारत में प्रकृति के लिए जीवन समर्पित करने वाले अनाम चेहरों का सम्मान है। जो गांव, जंगल, बस्ती और पहाडों पर बसें हैं। मैं इस सम्मान के लिए आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं। मोदी ने आगे कहा कि मैं पर्यावरण को लेकर भारतीय दर्शन की बात इसलिए करता हूं कि इसका हमारी संस्कृति सीधा रिश्ता है। क्लामेट का कल्चर से रिश्ता पुराना है।पर्यावरण के प्रति भारत की संवेदना को विश्व स्वीकार कर रहा है। हजारों वर्षों से हमारी जीवन शैली का यह हिस्सा रहा है। हम उस समाज का हिस्सा है जहां सुबह उठकर धरती मां से क्षमा मांगी जाती है। क्योंकि हम उस पर पैर रखने वाले हैं।