आजादी के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए पांच प्रण और त्रिशक्ति का जिक्र किया। पीएम मोदी ने लाल किले से वर्ष 2047 के भारत को विकसित भारत बनाने का मंत्र दिया। इस दौरान उन्होंने पांच प्रण का भी जिक्र किया। वहीं पीएम मोदी ने एकता और जुटता का संदेश देते हुए अपनी विरासत पर गर्व करने का संदेश भी दिया। साथ ही पांच प्रण का जिक्र करते हुए कहा कहा कि देश अब बड़े संकल्प को लेकर चल रहा है। हमें विकसित भारत के लक्ष्य को ध्यान में लेकर आगे चलना होगा।
पीएम मोदी के ये हैं वो पांच प्रण:
पीएम नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर पांच प्रण का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विकास की रफ्तार को बढ़ाने के लिए अपनी पुरानी व्यवस्था के तहत युवा चलने को तैयार नहीं है। जिसके लिए तेज रफ्तार वाले फैसले लिए जा रहे हैं।
1 पहला प्रण : 2047 तक विकसित भारत
2 दूसरा प्रण: एकता, एकजुटता पर जोर
3 तीसरा प्रण: गुलामी के अहसास से आजादी
4 चौथा प्रण: विरासत पर गर्व
5 पांचवां प्रण: नागरिकों का कर्तव्य
वहीं पीएम मोदी ने आगे देश के विकास के लिए त्रिशक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि देश में विकास की गति को बढ़ाने के लिए हमें 130 करोड़ देशवासियों की टीम बनाकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास यह सबसे बड़ी शक्ति जिसे लेकर आगे चलना होगा। साथ ही संकल्प और कर्तव्य के प्रति समर्पण का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संकल्प बड़े होने चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इन संकल्पों को पूरा करने में लोगों को अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक होकर मदद करना होगा।
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