इस बार 7 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। ऐसे में मिर्ज़ापुर जिले के विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजा के लिए बड़ी संख्या में भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है।
अबकी बार शारदीय नवरात्रि में भक्तों को सिर्फ मां का दर्शन ही सम्भव हो पायेगा। क्यूंकि इस बार भक्त मां विंध्यवासिनी की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी नही कर सकेंगे। मिर्ज़ापुर जिले के मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्रा विंध्याचल में चल रही शारदीय नवरात्रि का जायजा लेने पहुंचे। जायजा लेने के बाद उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि इस बार श्रद्धालु मंदिर परिसर में और मां विंध्यवासिनी की मूर्ति की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी नहीं कर सकते हैं।
श्रधालुओं को आसानी से मिलेगा मां के दर्शन:
इस बार मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए श्रधालुओं को तंग गलियों से नही गुजरना पड़ेग। विंध्य कॉरिडोर निर्माण के तहत चार प्रमुख गलियों को चौड़ा कर दिया गया है। जिससे भक्त बिना धक्कामुक्की किये आसानी से मां विंध्यवासिनी के दरबार में पहुंच जायें
नवरात्रि के नौ दिन दूर से होंगे मां विंध्यवासिनी के दर्शन:
7 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रहा है। लेकिन विंध्याचल में कमिश्नर ने 2 अक्टूबर से ही नवरात्र के नौ दिन तक मां विंध्यवासिनी का चरण स्पर्श, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी कर दिया है। कमिश्नर और जिलाधिकारी ने मंदिर के आस-पास खरीदी गयी संपत्तियों को हटाने का आदेश क्षेत्राधिकारी एवं नगर मजिस्ट्रेट को दिया है।
रोपवे से होगा मां अष्टभुजा और मां काली खो का दर्शन:
ऐसे भक्त जिनको मां अष्टभुजा और मां कालीखो के दर्शन करने में कठिनाई होती थी। अब रोपवे बनने से सभी भक्तों को मां के दर्शन आसानी से हो सकेंगे और खूबसूरत पहाड़ों के नजारे का आनंद ले सकते हैं।
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