कानपुर–वर्तमान सरकार ने छात्र युवाओं के साथ किये गए तमाम वादों , चाहे वो प्रतिवर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का वादा हो या फिर तमाम शैक्षिक संस्थानों की हालात में बेहतरी का वादा हो ; हर एक मुद्दे पर सरकार असफल रही है और स्थितियां पहले से भी बदतर हुई हैं।
कानपुर में नौजवान फार्मासिस्टों ने इस सरकार के खिलाफ आंदोलन किया। मेडिकल कॉलेज से लेकर श्रम विभाग तक श्रमायुक्त के खिलाफ एक ह्यूमन चैन निकली गयी। साथ ही रास्ते में पड़ने वाली रावतपुर रेलवे क्रासिंग की पटरी पर बैठकर फार्मासिस्टों ने ट्रेन को लगभग एक घंटे तक रोके रखा।
बता दें कि ये सभी फार्मासिस्ट उत्तर प्रदेश में भारतीय संविधान का अपमान करने वाले और घोर लापरवाह श्रम विभाग के अधिकारीयों के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं। आंदोलनरत फार्मासिस्टों का कहना है कि निजी व संविदा फार्मासिस्टों को तय वेतन नहीं दिया जा रहा है और नियमों के विरुद्ध 14 से 24 घंटे कार्य लिया जा रहा है। साथ ही ओवरटाइम तक का वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। श्रम न्यायालय में भी वादों को लंबित करके न्याय के नाम पर श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है।
इन सभी समस्याओं को लेकर तुलसा देवी संस्थान के प्रबंधक पंकज मिश्रा, पंजीकृत फार्मासिस्ट मेराज सिद्दीकी, शिवम् सेंगर ,आयुष सचान , आशीष सचान ,अभिनव श्रीवास्तव, विशाल शर्मा ,शिवबरन यादव , अभिमन्यु , कामेश , दिवाकर यादव, प्रशांत राजपूत ,राहुल कुमार, धर्मेंद्र कुमार भाल्या, पुष्कर प्रताप व अन्य फार्मासिस्टों द्वारा प्रदर्शन करते हुए आयुक्त श्रम विभाग कार्यालय का घेराव किया गया और श्रम आयुक्त को ज्ञापन सौपा। इस आंदोलन के माध्यम से फार्मासिस्टों को स्थायी करने के लिए भी आवाज उठायी गयी।
(रिपोर्ट – श्वेता सिंह )