बहराइच — पीएफ घोटाले के विरोध में बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियरों ने अधीक्षण अभियंता के कार्यालय पर बुधवार से चार दिवसीय धरना प्रदर्शन शुरू किया। इस दौरान सभी ने कार्य बहिष्कार कर घोटाले में सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुये कार्रवाई न होने पर आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी।
राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के के अध्यक्ष संजय कुमार की अगुवाई में जनपद के सभी अवर अभियंंता अस्पताल चौराहा स्थित अधीक्षण अभियंता के कार्यालय पर एकत्रित हुई। यहां सभी ने पीएफ घोटाले के विरोध में सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुये सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। धरने को संबोधित करते हुये संगठन के अध्यक्ष कुमार ने कहा कि पीएफ घोटाले का खुलासा होने के बाद भी सरकार में बैठे जिम्मेदार चुप्पी साधे हुये हैं। उन्होंने कहा कि इस महाघोटाले में सरकार की सुस्त कार्यशैली से सभी में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
संगठन सचिव नीरज पटेल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस महाघोटाले की जांच सीबीआई से कराने की घोषणा की थी। लेकिन एक माह पूरे होने को है सरकार अभी तक सीबीआई जांच कराने की प्रक्रिया में नही आ सकी है। सीबीआई जांच में देरी से यह साफ है कि घोटाले में लिप्त लोगों को सरकार बचाने की फिराक में हैं। बिजली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुशील गोस्वामी ने कहा कि ईमानदारी का पाठ पढ़ाने वाली प्रदेश सरकार इस महाघोटाले में कार्रवाई को लेकर सुस्त क्यों हैं। इससे सरकार की कार्रवाई पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं।
धरने को एसडीओ इंजीनियर अजय कुशवाहा, इंजीनियर अवधेश पटेल, इंजीनियर विजय कुमार, जेई चंदन प्रजापति कर्मचारी संघ के मंडल अध्यक्ष नफीस अहमद आदि ने भी संबोधित कर चेतावनी दी अगर सरकार व विद्युत प्रबंधन तत्काल नही जागा तो विभाग के सभी कर्मचारी अधिकारी सामूहिक रूप से कार्यबहिष्कार कर आंदोलन को तेज करेंगे। यह भी कहा कि इस दौरान अगर बिजली व्यवस्था में कोई भी व्यवधान उत्पन्न होती है, तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस मौके पर इंजीनियर अजय यादव, अवधेश पटेल, विजय कुमार, पंचम लाल, विजय तिवारी, अनिल भारती, जयनंदन मिश्रा, रवि बाल्मीकि, राजू खान आदि मौजूद रहे।
(रिपोर्ट-अनुराग पाठक,बहराइच)