शहर में कुत्तों और बंदरों के आतंक से दहशत में लोग

मेरठ — शहर में लगातार कुत्ते और बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है हर गली हर मोहल्ले में कुत्तों का आतंक है। यहां तक की सरकारी विभागों के परिसर भी कुत्तों की पहुँच से अछूता नहीं रहे। सरकारी अस्पताल में भी कुत्ते काटने के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

दरअसल अप्रैल का महीना खत्म हो चुका और मई जैसे-जैसे बढ़ेगी वैसे-वैसे गर्मी का पारा भी बढ़ना शुरू हो गया है। जिस तरह तापमान बढ़ रहा है उसी तरह कुत्तों के पागल होने के साथ काटने की संख्या भी बढ़ती जा रही है। जिला अस्पताल में घूमते और अपना कब्जा जमा कर लेटे हुए कुत्ते आप को जगह-जगह दिखाई देंगे। वहीं यहां पर आने वाले मरीजों और तीमारदारों का कहना है कि पूरे अस्पताल में कुत्तों का राज है यहां वह अपना इलाज कराने आते हैं और अपने मरीज को दिखाने आते हैं लेकिन इन कुत्तों से उन्हें डर लगता है कि कहीं इन कुत्ते के काटने की वजह से वो भी मरीज ना हो जाए।

इस मामले में जब जिला अस्पताल के सीनियर डॉक्टर सुनील कौशिक से बात की तो उनका कहना है कि पूरे अस्पताल में कुत्तों ने अपना कब्जा जमा रखा है। क्योंकि हाई कोर्ट का आदेश है इस वजह से कुत्तों को मार भी नहीं सकते लिहाजा उन्होंने अपने यहां वार्ड बॉय की संख्या बढ़ा दी है जिससे लोगों को दिक्कत का सामना ना करना पड़े, लेकिन फिर भी कुत्ते नहीं रुकते। जिला अस्पताल प्रशासन ने नगर निगम को शिकायत पत्र भी दिया था लेकिन नगर निगम हाथ पर हाथ रख कर बैठा हुआ है।

वहीं नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अमित सिंह का कहना है कि उन्होंने एनिमल केयर सोसायटी नाम की एक निजी कंपनी को कुत्तों की नसबंदी करने का ठेका दिया है। लेकिन कंपनी अभी कुछ भी काम नहीं कर रही इसलिए अब दूसरी कंपनी से बात की जा रही है और उसको कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा।

(रिपोेर्ट-प्रदीप शर्मा,मेरठ)

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