नोएडा में गुरुवार को पुलिस कमिश्नर ऑफिस का भीड़ ने घेराव किया। हंगामा हुआ और जमकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई। मामला ग्रेटर नोएडा में दुजाना गांव के एक युवक की मौत से जुड़ा है। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण महिलाएं और पुरुष पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे और घेराव किया। लोगों को कमिश्नर ऑफिस में दाखिल होने से रोकने के लिए दरवाजे बंद कर दिए गए। जिस पर पुलिस और भीड़ के बीच तीखी नोकझोंक हुई। ग्रामीणों ने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने और गुमराह करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
ग्रेटर नोएडा के दुजाना गांव के मनोज प्रकरण को लेकर गुरुवार की दोपहर परिजनों और ग्राम वासियों ने एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर पुलिस आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में महिलाओं की भी उपस्थिति रही है।
गौरतलब है कि लगभग एक सप्ताह पहले दुजाना गांव के निवासी मनोज पुत्र बलेश्वर नागर का शव गांव की नहर से मिला था। बादलपुर पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने के कारण मृत्यु होना बताया गया है। किंतु परिजनों का कहना है कि मनोज की हत्या की गई है। पुलिस उचित कार्यवाही नहीं कर रही है।
कुछ दिन पहले परिजनों ने प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए ग्रेटर नोएडा के डीसीपी हरिश्चंद्र से भी मुलाकात की थी। किंतु अभी तक भी थाना पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज नही की गई है। गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों और महिलाओं ने पुलिस आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों की पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई। बाद में पुलिस आयुक्त ने 5 लोगो को अंदर बुलाकर मामले की जानकारी ली।
मनोज के पिता बलेश्वर नागर और परिजनों ने बताया कि बादलपुर पुलिस हत्या को एक दुर्घटना बना रही है। उन्होंने मांग की कि उनकी प्राथमिकी दर्ज की जाए। इस मामले की जांच अन्य किसी थाने से करवाई जाए, क्योंकि बादलपुर पुलिस की कार्यवाही पर उनको भरोसा नहीं है।
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पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने परिजनों को आश्वस्त किया कि उनके साथ न्याय किया जायेगा। जो भी दोषी होगा, उस पर पुलिस कार्यवाही करेगी। साथ ही पुलिस कमिश्नर ने अधीनस्थ अधिकारियों को पीड़ित पक्ष की रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि परिजनों की मांग पर मामले की जांच दादरी थाने से कराई जायेगी ।