बहराइच– इंडो – नेपाल बॉर्डर पर बसा निबिया गांव आज – कल दो बहनों के कुछ कर गुजरने के जज्बे और हौसले को लेकर ज्यादा चर्चा में है। छोटी बहन रोशनी अपनी बड़ी बहन दिव्यांग मनीषा को हर दिन गोद में लेकर ढाई किलोमीटर पैदल चलते हुए स्कूल ले जाती है।
उसे रेलवे ट्रैक भी पार करना पड़ता है। बड़ी बहन मनीषा 10 में पढ़ रही है तो रोशनी कक्षा 8 की छात्रा है। दोनों बहनों के पढ़ने की ललक और गांव की बेहतरी के लिए कुछ कर गुजरने के जज्बे को पूरा इलाका सलाम कर रहा है। लेकिन अब इन दोनों बहनों को पैदल स्कूल नही जाना पड़ेगा क्योंकि इन बहनों को अब प्रदेश के एक आलाधिकारी की पत्नी का ममतामयी स्नेह मिल चुका है । इन्हें ये स्नेह देने वाली गोरखपुर जोन के आई जी मोहित अग्रवाल की धर्मपत्नी प्रेरणा अग्रवाल ने इन बहनों के लिए पुलिस अधीक्षक के माध्यम से ट्राई साइकिल व किताबें भिजवाई ; जिसे पाकर ये काफी खुश थी । वही एक आलाधिकारी की पत्नी के इन बच्चियों के प्रति दिखाये गए स्नेह की लोग काफी प्रसंशा कर रहे है ।
भारत नेपाल सीमा से सटे निबिया ग्राम की आबादी करीब 1500 के आसपास है। गांव का ज्वाला चार बच्चों और पत्नी का भरण – पोषण मजदूरी कर करता है। ज्वाला की बड़ी बेटी मनीषा (14) दिव्यांग है। उसने गांव के प्राथमिक विद्यालय से शुरुवाती शिक्षा हासिल तो कर ली, लेकिन आगे की पढाई करने में दिव्यांगता आड़े आ रही थी। इसका कारण इंटर कॉलेज घर से दूरी पर है। इस दर्द को छोटी बहन रोशनी ने महसूस किया और उसने मदद करने की ठानी। पिता ने मनीषा का नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज रुपईडीहा में कक्षा 9 में दाखिला कराया। छोटी बहन रोशनी भी इसी कॉलेज में कक्षा 7 की छात्रा है। जब मनीषा को स्कुल जाने में परेशानी महसूस होने लगी तो छोटी बहन खुद उसका सहारा बनकर अभी तक उसे गोद मे उठाकर पपन्द्रह महीनों से स्कूल ले जाती थी ।
पुलिस अधीक्षक जुगुल किशोर तिवारी ने बताया कि आई जी जोन गोरखपुर मोहित अग्रवाल की पत्नी प्रेरणा अग्रवाल को कुछ समय पहले इन दोनों बहनों के बारे में पता चला जिसके बाद उन्होंने स्वयं जिले की पुलिस से संपर्क कर इन्हें ट्राई साइकिल समेत अन्य सामान देने के लिये कहा इसी परिपेक्ष में हम आज खुद निबिहा ग्राम गये और ट्राई साइकिल के साथ ही इन दोनों बहनों को जूते ,बैग के साथ कपड़े देने के साथ ही आगे भी इन दोनों की पढ़ाई में पूर्ण सहयोग किया जायेगा ।
रिपोर्ट- अनुराग पाठक , बहराइच