उत्तर प्रदेश के एटा में एक पाकिस्तानी महिला बनी ग्रामं प्रधान…जी हाँ सुनने में तो ये एक फिल्मी कहानी जैसी लग रही है, ऐसा सोचकर आप चौकिये मत ये खबर एकदम सोलह आने सच है…
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ये है पूरा मामला…
दरअसल मामला जनपद एटा के ब्लॉक जलेसर के गाँव गुदाऊ का है। जहाँ एक पाकिस्तानी मूल की महिला बानो बेगम की कहानी है जो पाकिस्तान के कराची से भारत के उत्तर प्रदेश के एटा जनपद के गुदाऊ गाँव में 35 वर्ष पूर्व अपनी रिश्तेदारी में अपने पिता के साथ एक शादी में शामिल होने आईं थी।
शादी के बाद गाँव गुदाऊँ के अख्तर अली नाम के व्यक्ति से शादी कर ली और वो यही की बन के रह गई। अपने बीजा को वो लगातार 35 वर्षों से धोखाधड़ी करते हुए तारीखें बढ़ाते रही और उसने अपनी पाकिस्तानी मूल की पहचान को छुपाकर अपने पति को दर्शाकर उसने अपना आइडेंटी बताने के लिए उसने फर्जी आधारकार्ड बनवा लिया।
2015 में बनी थी प्रधान
वही उसने ब्लॉक जलेसर के गाँव गुदाऊ से उसने ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनावों में भी भाग लिया और 2015 में अपनी ग्राम पंचायत के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुईं। अब उसकी पहचान प्रभारी ग्राम प्रधान के रूप में बन गई। हालाँकि, स्थानीय स्रोतों से यह भी पता चला कि तत्कालीन ग्राम प्रधान शहनाज़ बेगम के निधन के बाद, ध्यान सिंह थे, जिन्होंने शहनाज़ के स्थान पर बानो बेगम के नाम को हटाने की सिफारिश की थी।
इन पर होगी कार्यवाई
हालांकि,उन्हें अब गुडाऊ ग्राम पंचायत के पद से हटाया गया है। इसके अलावा, जांच उन सभी लोगों के खिलाफ की जा रही थी जिन्होंने बानो को आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेजों को बनवाने में मदद की थी।
धोखाधड़ी करने में उसकी मदद करने वाले सभी लोगों के खिलाफ जांच रिपोर्ट के आधार पर बाद में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वही जिला पंचायती राज अधिकारी(DPRO) आलोक प्रियदर्शी ने बानो बेगम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिये है।
(रिपोर्ट- आर.बी.द्विवेदी, एटा)