एक ओर जहां कृषि बिल को लेकर पंजाब ,हरियाणा और यूपी के किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरने प्रदर्शन पर कर रहे हैं तो, वहीं उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में जैविक की खेती करने वाले उन्नतशील किसान कृषि बिल का समर्थन भी कर रहे हैं। जैविक खेती करने वाले भरत भूषण त्यागी पदम श्री अवार्ड से भी 2019 में भारत सरकार द्वारा सम्मानित किए गए थे। और उन्होंने जैविक खेती पर पीएचडी भी की है।
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मोदी सरकार ने दिया था पद्म श्री अवार्ड
बुलंदशहर के स्याना क्षेत्र के गांव बददा हमीदपुर में रहकर जैविक की खेती करते है। भरत भूषण त्यागी को मोदी सरकार ने पदम श्री अवार्ड से 2019 में नवाजा था। आपको बता दे कि भरत भूषण त्यागी अपने फार्म पर जैविक खेती करते है। जैविक खेती में धनिया, हल्दी, गेंहू गन्ना,सम्पूर्ण घास, हींग कृष्णा फल, स्टीविया,सहजन, कालमेघ, सतावर, नीबू, चार तरह की तुलसी जैसी कई अन्य फसल एक सीजन में उगाते हैं।
जैविक खेत कर कमाते है अधिक मुनाफ़ा
वही अपने यहां पर आम फसल से हटकर जड़ी बूटी और तरह-तरह की खेती उगाते हैं। जिनकी दवाइयां बनती हैं और जिनसे सामान्य से अधिक मुनाफ़ा भी होती है। और लोगों को रोजगार भी मिलता है।
भारत भूषण ने बताया कि मोदी सरकार जो कि कृषि बिल लेकर आई है वह बिल्कुल ठीक है और मैं उसका समर्थन करता हूं मगर बिल में जो थोड़ी बहुत कमी है वह संशोधन हो सकती हैं मगर जो किसान धरने प्रदर्शन पर दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं वह बातचीत से भी उसका हल निकाल सकते हैं मैं अपनी खेती से 2 गुना कमाता हूं और बिचौलिया को अपने पास तक नहीं आने देता।
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(रिपोर्ट- कपिल सिंह, बुलंदशहर)