बलिया — उत्तर प्रदेश के बलिया शहर के बीचो बीच बनरहा डॉ.राम मनोहर लोहिया बाजार घोटालों का सुपर मार्केट बन गया है। 2005 से बन रहा ये कॉम्प्लेक्स 2017 में भी अधूरा है। करोड़ों की लागत से बनने वाले इस कॉम्प्लेक्स को बनने का मकसद व्यापारियों के लिए दुकाने उपलब्ध कराना था
पर शासन प्रशाशन की बेरुखी से करोड़ों का काम्प्लेक्स जुआड़ियों शराबियों और कूड़े का भण्डार बन है। इस वीरान इमारत की खामोशी विकास के उन दावों की पोल खोलती है जिसके ज़रिये प्रशासन आम आदमी को बेहतर भविष्य के ख्वाब दिखाता है।
बलिया शहर के बीचो बीच बन रहा डॉ.राम मनोहर लोहिया बाजार पिछले 13 सालों से बनरहा है !दरसल शासन द्वारा 2003 -4 में इस कॉम्प्लेक्स लिए 821.24 लाख रूपये स्वीकृत किये गए जिसमे शासन द्वारा 5 करोड़ रूपये कार्यदाई संस्था को मिल भी गया। 2005 को तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खान ने शिलान्यास किया।
कार्यदाई संस्था CNDS द्वारा ग्राउंड फ्लोर पर 128 दुकाने बनानी थी पर 86 दुकाने ही बनी जबकि फस्र्ट फ़ॉलोर पर 130 दुकाने बननी थी जिनमे से महज 81 दुकाने ही बनी नगरपालिका की सूचनाओं के मुताबिक 55.46लाख रूपये का हिसाब कार्यदाई संस्था ने अभी तक नहीं दिया।व्यापारी नेता रजनी कांत है की जनता का पैसा जनता के लिए खर्च होना था पर लोहिया के नाम पर बाजार बनाने वालों ने इसे भी भ्रस्टाचार की भेट चढ़ा दिया।
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है की करोड़ों का ये काम्प्लेक्स कब बनकर तैयार होगा ये कोई नहीं जानता पर करोड़ों का ये बाजार कूड़े का ढेर जरूर बनगया है। सुबह से लेकर शाम तक अधूरे बने दुकानों में शराबियों और जुआड़ियों का अड्डा बन जाता है। नगरपालिका के नजूल की जमीन पर बन रहे इस बाजार को 2011 में कार्यदाई संस्था को नगरपालिका को हैण्ड ओवर करना था।ऐसे में नव निर्वाचित बलिया के नगरपालिका अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है की इस मार्केट के निर्माण में करोड़ों का घोटाला हुआ है और इसकी जांच कराकर जल्द ही इसे जनता के लिए शुरू किया जाएगा।
रिपोर्टर-मनोज चतुर्वेदी, बलिया