न्यूज डेस्क — राजधानी समेत पूरे देश में गणतंत्र दिवस पर हर जगह कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. वहीं राजपथ पर झांकियों और परेड को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं. लेकिन उनके हाथ में जो झंडा होता है अगर वो प्लास्टिक का हुआ तो ऐसे लोगो पर क़ानूनी कार्यवाई की जा सकती है।ऐसा हम नहीं बल्कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी नया आदेश कहा गया है .
दरअसल गृहमंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों को फ्लैग कोड का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है. यदि आपने प्लास्टिक का झंडे का इस्तेमाल किया तो आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा सकता है और आपको जेल भी हो सकती है.
बता दें कि गृहंत्रालय ने गणतंत्र दिवस पर प्लास्टिक के झंडे पर रोक लग गई है. गृहमंत्रालय ने इस संबंध में एक निर्देश जारी किया है.जिसमें राज्यों को निर्देश दिया गया है कि प्लास्टिक के बने राष्ट्रीय झंडे का उपयोग न करें और इसको अपने-अपने राज्यों में कड़ाई से पालने करें.यही नहीं गृहमंत्रालय की ओर से प्लास्टिक झंडे पर एडवाजरी जारी की है.जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के तहत एक्शन लिया जायेगा जिसमें 1971 की धारा-दो के मुताबिक सख्त कार्रवाई होगी.
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के खास अवसर पर राजपथ पर होने वाली परेड भारत की सैन्य क्षमता को दर्शाता है. एनडीए ने 2014 में सत्ता में आने के बाद लुक ईस्ट नीति को एक्ट ईस्ट नीति में बदल दिया था. मोदी सरकार का जोर था कि नीतियाँ ज्यादा गतिशील होनी चाहिए.
राष्ट्रध्वज के अपमान पर ये है सजा का प्रावधान
बता दें कि राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा-दो के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी भी अन्य स्थान पर सार्वजनिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय झंडे या उसके किसी भाग को जलाता है, विकृत करता है, विरूपित करता है, दूषित करता है, कुरूपित करता है, नष्ट करता है, कुचलता है या उसके प्रति अनादर प्रकट करता है या अपमान करता है तो उसे तीन वर्ष तक के कारावास या जुर्माना, या दोनों प्रकार से दंडित किये जाने का प्रावधान है.