उत्तर प्रदेश के गोंडा से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको जानकर आप हैरान रह जायेंगे। यह मामला गोंडा के राजेन्द्र नगर मोहल्ले का है जहाँ पर एक महिला ने अपने साथ साथ पति और बेटे को सात दिनों तक एक कमरे में कैद कर रखा था। एक सप्ताह बीतने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो पड़ोसियों ने पुलिस को फोन करके मामले की जानकरी दी। मौके पर स्थानीय थाने की पुलिस पहुंची और दरवाजा खुलवाने का प्रयास करने लगी। करीब घंटों तक पुलिस दरवाजा पिटती रही लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रियां नहीं आई। बाद में थक हार कर पुलिस ने दरवाजा तोड़ने का फैसला किया।जब दरवाजा टूटा तो उसके अंदर तीन लोग पाये गए। इन तीन लोगों में पति पत्नी और उनका एक बच्चा शामिल था।
पति ने बताई पूरी सच्चाई:
पुलिस ने जब उनसे दरवाजा न खोलने का कारण पूछा तो महिला के पति ने बताया कि उसकी पत्नी मानसिक रूप से बीमार है जिसके वजह से वह अपने साथ साथ पूरे परिवार को कमरे में कैद करके रखती है। शख्स ने ये भी बताया कि उसकी पत्नी की मानसिक हालत इस कदर खराब है की वो कभी कभी ऐसी बातें कहती है जो साधारण इंसान कभी नहीं कह सकता। शख्स ने पुलिस को आगे बताया कि उसकी पत्नी को लगता है कि बाहर सब मर चुके हैं और अगर वो घर से बाहर निकलें तो कोई उन्हें भी कोई मार डालेगा साथ ही वो ये भी कहती है कि बाहर सभी जगह जहर फैला हुआ है यहाँ तक कि बाहर से जो अनाज आया है उसमें भी जहर मिला हुआ है इसलिए जो अनाज घर में बचा है पत्नी सिर्फ उन्हें ही खाने की बात करती है। घर में बुरी आत्माएं प्रवेश न करे इसलिए महिला द्वारा दरवाजे के बाहर सरसों भी छिड़का जाता था।
साइको पेशेंट है महिला:
पुलिस को जानकारी देते हुए महिला के पति ने बताया कि उसकी पत्नी साइको पेशेंट हैं जिसके कारण भागलपुर के एक निजी अस्पताल में उसका इलाज भी कराया जिससे कुछ दिनों तक तो उसकी स्थिति ठीक थी लेकिन नवरात्रि के समय भूखे रहने की वजह से उसकी हालत एक बार फिर बिगड़ गई।
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