कानपुर देहात– भ्रष्टाचार को खत्म करने का दावा करने वाली यूपी की योगी सरकार के अधिकारी जमकर भ्रष्टाचार कर रहे है। शिकायत के बाद भी सरकार भृष्टाचारी अधिकारी पर अंकुश नही लगा रहे है।
कानपुर देहात की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संगीता सिंह और ऑफिस में बाबू के पद पर तैनात शंकरलाल का बड़े पैमाने पर तानाशाही दिखाते हुए भ्र्ष्टाचार किया गया। बीएसए संगीता सिंह और बाबू शंकरलाल ने मिलीभगत कर बिना शासनादेश 23 शिक्षकों और 10 लिपिकों का ट्रांसफर कर दिया है भ्र्ष्टाचार के चलते उनको मनचाही जगह तैनाती दी गयी जिसमे बीएसए और बाबू ने बड़े स्तर का खेल किया है। जिसकी शिकायत बीएसए ऑफिस के बाबू और आरटीआई कार्यकर्ता संजय दीक्षित ने शासन से की थी और कमिश्नर कानपुर ने तत्काल ट्रांसफर प्रक्रिया पर रोक लगाने के आदेश दिए थे । कमिश्नर साहब ने जांच में मामला सही पाया तो ट्रांसफर पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए लेकिन आज 5 दिन बीत जाने के बाद भी ऐसी भृष्टाचारी बीएसए और बाबू पर अब तक कोई कार्यवाही नही की गयी है।
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वही कानपुर देहात में आये यूपी के सहकारिता मंत्री / जिले के प्रभारी मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा से जब बीएसए और बाबू द्वारा भ्र्ष्टाचार कर बिना शासनादेश शिक्षकों और लिपिकों के मामले में पूछा गया तो मंत्री जी ने बताया कि आपके द्वारा मुझे जानकारी मिली है। मामले की जाँच कराई जाएगी और जाँच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
कानपुर देहात आये बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह से जब बीएसए द्वारा किये गए भ्र्ष्टाचार पर पूछा गया तो उन्होंने सरकार के मुखिया को ईमानदार बताते हुए कहा कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती है तो उन पर कार्यवाही की जाती है जब मीडिया द्वारा ये पूछा गया कि कमिश्नर साहब ने जांच के बाद ट्रांसफर पर रोक लगाने के आदेश जारी किया लेकिन ऐसी भृष्टाचारी बीएसए और बाबू पर कार्यवाही क्यों नही की अब तक तो राष्ट्रिय महामंत्री अरुण सिंह का जवाब था कार्यवाही भी हो रही है।
(रिपोर्ट – गौरव चंदेल , कानपुर देहात )