जमीन पर कब्जे को लेकर वृद्ध की फावड़े से काटकर हत्या, बेखौफ घूम रहे आरोपी

एटा–मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के डीजीपी साहब पुलिसिंग कार्य प्रणाली को सुधारने के साथ ही लोगों को त्वरित न्याय दिलाने के लाख प्रयास करे लेकिन यूपी पुलिस ने मानों जैसे कसम खा ली हो तुम लाख सुधारो, हम नहीं सुधरेंगें। 

एक ऐसा ही मामला एटा में सामनें आया है जहॉं आधा दर्जन से ज्यादा दबंग हत्यारों ने बीती 30 जनवरी को पट्टे की जमीन पर कब्जे को लेकर वृद्ध की फावड़े से काटकर हत्या कर दी थी और तीन लोगों को गंभीर रुप से घायल कर दिया था। बीती 30 जनवरी सकीट थाना क्षेत्र का मुबारिकपुर गॉंव जहॉं के रहने वाले दलित परिवार के मुखिया मनीराम उस दिन के मंजर को सोच कर ही कांप जाता है क्योंकि उस सुबह उसकी पट्टे की जमीन पर गॉंव के ही दबंग राजबहादुर, जितेन्द्र, विष्णु समेत उनके आधा दर्जन गुर्गो का कहर मनीराम उसके भाई धनीराम और पूरे परिवार पर टूट पड़ा था। इसी दरम्यान मनीराम के ससुर नाथूराम ने जब बीच-बचाव करना चाहा तो दबंगों ने उनकी फावड़े से काटकर हत्या कर दी थी। हमले में मनीराम उनका भाई धनीराम और बेटा समेत तीन लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे जिन्हें उनकी गंभीर हालत के चलते चिकित्सकों ने आगरा के लिए रेफर कर दिया था। घटना के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों समेत कुल 8 लोगों पर मामला तो दर्ज कर लिया लेकिन कार्यवाई के नाम पर सिर्फ सिफर ही रहा जिसके चलते हत्यारों के हौसले किस कदर बुलन्द है कि वो पीड़ित धनी राम और पूरे परिवार को समझौते के नाम पर खुलेआम जान से मारने की धमकी दे रहे है।

आगरा में उपचार करा रहे धनीराम को ये उम्मीद थी कि उसके ससुर की हत्या उन पर जानलेवा हमले के बाद सभी आरोपी जेल में होंगें लेकिन जैसे ही उसे पता चला की दबंग हत्यारे खुलेआम घूम रहे है तो बेहद खौफजदा धनीराम और उसका परिवार गांव जाने के बजाये कप्तान साहब के ड्योढी पर अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए न्याय की गुहार लगाने लगा। वहीं ऐसे मामलों में सवा महीने बीत जाने के बाद भी इलाक पुलिस द्धारा कोई कार्यवाई न किये जाने और पुलिस के आला अधिकारी ऐसी घटनाओं के प्रति कितना संजीदा है कि बड़ी साफगोई से विवेचक के बाहर होने की बात कहकर पल्ला झाड़ते नजर आये।

(रिपोर्ट- आर. बी. द्विवेदी, एटा )  

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