लखनऊ– मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शाख पर बट्टा लगाता हुआ एक मामला राजधानी लखनऊ से सामने आया है ; जहाँ सरकारी अमला ही उनके एन्टी भू माफिया पोर्टल जैसी सुविधाओं की धज्जियां उड़ा रहा है।
ताजा मामला राजधानी लखनऊ के अहमामऊ गांव का है ; जहां पर एलडीए द्वारा किसानो की उन जमीनों पर कब्ज़ा किया जा रहा है जो दशको से किसानों के नाम दर्ज है और किसान उन पर खेती करते चले आ रहे है। इतना ही नहीं यह जमीने किसानों को उनके पुर्वजो के नाम पर उनके वारिसों को मिली थी।
बता दें ग्राम सभा अहमामऊ के खसरा संख्या 467, 466/9, 445 पर दर्ज़नो किसान कई दशकों से काबिज़ है और राजस्व अभिलेख में अब तक चला आ रहा है। किसान लगभग 40 सालो से उन पर खेती कर रहे है। पानी और अन्य कृषिक संसधान के अभाव के चलते पिछले कुछ वर्षों से किसान खेती नही कर पा रहे थे। जिससे किसानों ने भू माफिया औऱ बिल्डर के डर से अपनी जमीनों पर बाउंड्री करवा ली। लेकिन रविवार को किसान उस समय परेसान हो गए जब उनको पता चला की एलडीए द्वारा उनकी बाउंडरी वाल गिरा दी गई है और वहाँ पर अपनी बाउंडरी वाल बनाकर जमीन को अपने कब्जे में ले रहे है। आक्रोशित होकर किसान विरोध करने लगे। इस दौरान एलडीए का कर्मी बताने वाले श्रीवास्तव ने किसानों को धमकाया भी।
बाउंड्री गिराने का काम रुकता ना देख किसानो 100 नंबर डायल कर दिया और स्थानीय पुलिस सूचना दी। पुलिस की मौज़ूदगी में जब किसानों ने कथित एलडीए कर्मी से आदेश मांगा तो उसने नही दिया।
बहरहाल आक्रोशित किसानों को शांत कर किसी तरह काम रुकवा दिया गया। गौरतलब हो कि एलडीएल द्वारा जब भी कोई भूमि अर्जन की जाती है, उसका बाकायदा नोटिस जारी किया जाता है। किसानों से आपत्ती मांगी जाती है। उसके निस्तारण के बाद किसानों को मुवावजा देने के बाद ही अर्जन की प्रकिया की जाती है, लेकिन यहां पर इस मामले में ऐसा कुछ नही किया गया। एलडीए की यह गतिविधि इस बात का संकेत दे रही है की अब एलडीए भी भूमफिया बन कर जमीनों को हड़पने का काम कर रहा है।