बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने हरियाणा में सांप्रदायिक दंग को दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक बताया। साथ ही उन्होंने इस हिंसा को सरकार की नाकामी करार दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए हैं, साथ ही इस हिंसा में कई लोग हताहत हुए हैं। धार्मिक स्थानों सहित लोगों की संपत्ति की हानि यह साबित करता है कि मणिपुर की तरह हरियाणा में भी कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। वहां की सरकार का खुफिया तंत्र भी निष्क्रिय है।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि हरियाणा सरकार का दावा है कि विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और अन्य सहयोगी संगठनों की यात्रा पर पथराव के कारण सांप्रदायिक दंगे शुरू हुए। इससे साफ है कि हरियाणा सरकार उस यात्रा को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रही है। उनका मानना है कि राज्य का शासन, प्रशासन और यहां का खुफिया तंत्र इन मामलों में चुस्त और दुरुस्त रहना चाहिए। कुल मिलाकर यहां राज्य सरकार की नीति और नियत पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
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उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार इस प्रस्तावित यात्रा, जुलूस और प्रदर्शन को सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रही है तो फिर सरकार ऐसी यात्रा की इजाजत क्यों दे रही है। सभी राज्यों को इस बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि खासकर नूंह घटना को लेकर उन्हें लगता है कि हरियाणा सरकार हिंसा रोकने में पूरी तरह विफल है। वैसे, हरियाणा और मणिपुर की घटनाएं बेहद शर्मनाक हैं।
बसपा प्रमुख ने कहा कि लोगों की जान-माल के साथ-साथ धर्म की रक्षा करना राज्य सरकार की पहली संवैधानिक जिम्मेदारी है। मायावती ने मांग करते हुए कहा कि हरियाणा की सरकार निष्पक्ष और ईमानदार प्रयासों से भाईचारा, शांति और सद्भाव बहाल करे। इस घटना को लेकर केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि वहां हालात न बिगड़ें।
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