न्यूज डेस्क — महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए राज्य सरकारें अब इससे निपटने के लिए कठोर कदम उठाने शुरु कर दिये है। मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान सरकार ने भी रेप के दोषियों को कड़ी सजा देने का रास्ता साफ कर दिया है।
इसी के चलते नाबालिग से दुष्कर्म के दोषियों को मृत्युदंड देने के प्रावधान वाला विधेयक शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में पारित हो गया। बहस के बाद दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक पारित कर दिया गया। इसके तहत 12 साल तक की उम्र की बालिकाओं के साथ रेप के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान रखा गया है।
गौरतलब है कि नाबालिग बच्चियों के साथ रेप और फिर उनकी नृशंस हत्याओं की एक के बाद कई वारदातें सामने आने के बाद राज्य सरकारों में खलबली मची हुई है। एनसीआरबी द्वारा जारी किए आंकड़ों ने इस मुद्दे को और भी बल दिया। आंकड़ों में रेप की घटनाओं को लेकर अव्वल रहने पर लगातार आलोचनाओं का सामना कर रही मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने सबसे पहले यह बिल पेश किया था जिसे विधानसभा में पारित भी कर दिया गया था।
वहीं मध्य प्रदेश से सबक लेते हुए अब राजस्थान सरकार ने भी 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के दोषियों को फांसी देने के लिए यह बिल लाने की तैयारी शुरू कर दी थी। राज्य के गृहमंत्री गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने विधानसभा में विधेयक पारित होने के बाद बताया कि राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक कानून के रूप में प्रदेश में लागू हो जाएगा।इससे बच्चियों के साथ होने वाले घिनौने कृत्य पर लगाम लगेगी और अपराधियों में खौफ पैदा होगा।इन दोनों राज्यों के अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भी राज्य में ऐसा ही कानून लाने की घोषणा की थी।