लखनऊ — लोकसभा चुनावों से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती की मुश्किलों बढ़ सकती हैं। अवैध खनन और रिवर फ्रंट घोटाले में अखिलेश यादव पर शिकंजा कसने के बाद अब स्मारक घोटाला मामले में ईडी के रडार पर मायावती है।
इसी सिलसिले में इडी ने गुरुवार को लखनऊ के गोमती नगर, हजरतगंज सहित 6 जगहों पर छापेमारी की। ये छापेमारी 1400 करोड़ रुपए के कथित स्मारक घोटाले के सिलसिले में हुई है। माना जा रहा है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने यह कदम उठाया है।इससे पहले ईडी ने अवैध खनन मामले में डीएम चंद्र कला से बंद कमरे में पूछताछ की थी।
स्मारक घोटाले को लेकर मायावती पर शिकंजा कसने का संदेह पहले ही जताया गया था। पहले ही सूचना आई थी कि चुनाव से पहले बसपा के दो पूर्व मंत्रियों और करीबियों के जरिए मायावती पर शिकंजा कसा जा सकता है।
पिछली सरकार में हुई थी जांच
हालांकि जिस समाजवादी पार्टी के साथ बसपा सुप्रीमो ने हाथ मिलाया है। उसके ही कार्यकाल में स्मारक घोटाले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई थी। सपा के ही कार्यकाल में स्मारक घोटाले में गोमती नगर में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। हालांकि, शुरुआती तेजी के बाद मामले की जांच ठंडे बस्ते में चली गई।
अखिलेश यादव से भी हो सकती है पूछताछ
बता दें कि सीबीआई पहले ही खनन घोटाले मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चुकी है और आने वाले दिनों में उनसे पूछताछ कर सकती है।
गौरतलब है कि सितंबर 2018 में इहालाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने कहा था कि तथाकथित स्मारक घोटाले में कोई भी दोषी बचना नहीं चाहिए। यूपी में 2002 से 2007 तक मायावती की सरकार रही और इस दौरान उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहीत कर दलित नेताओं की मूर्तियां एवं प्रतिमाएं स्थापित की गईं। आरोप है कि प्रतिमाएं लगाने के नाम पर करीब 1400 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ।