न्यूज डेस्क — सीबीआई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यौन उत्पीड़न मामले में किसी लड़की की हत्या नहीं हुई है. साथ ही कहा कि मामले की जांच के दौरान जो कंकाल मिले हैं, उनमें कोई भी कंकाल नाबालिग लड़की का नहीं है.
सीबीआई की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दावा किया है कि इस केस में हत्या का कोई सबूत नहीं मिला और सभी 35 लड़कियों को जीवित पाया गया.सीबीआई के मुताबिक, ‘जिनकी हत्या का शक जताया गया था वो सारी लड़कियां जीवित पाई गई हैं. वहां से मिली हड्डियां कुछ अन्य वयस्कों की पाई गई हैं.’ सीबीआई ने अपनी जांच में यह साफ किया है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में किसी भी नाबालिग की हत्या नहीं की गई थी. इस केस में सुनवाई फिलहाल जारी है.
गौरतलब है कि सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किये अपने हलफनामे में 25 आईएएस अधिकारियों और 46 अन्य अधिकारियों के खिलाफ राज्य सरकार से विभागीय कार्रवाई करने की बात कही है. शेल्टर होम में गड़बड़ी मामले में सीबीआइ ने जिन अधिकारियों की संलिप्तता पायी है, वे विभिन्न जिलों में जिलाधिकारी के पद पर रह चुके हैं. इनमें कैमूर के सात, गया, भागलपुर व पूर्वी चंपारण के दो-दो और मुंगेर, पटना, मधेपुरा व अररिया के एक-एक तत्कालीन जिलाधिकारी शामिल हैं.