सूरत– गुजरात के पाटीदार आरक्षण में इस बार बीजेपी-कांग्रेस इस कदर फंस गई है कि वोटिंग में सिर्फ नौ दिन बचे हैं, इसके बावजूद दोनों पार्टियां मैनिफेस्टो जारी नहीं कर पाई हैं। कांग्रेस गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले सैम पित्रोदा को इसकी तैयारियों के लिए काफी पहले कह चुकी थी, लेकिन अब तक मैनिफेस्टो सामने नहीं आ सका।
हालत ये है कि बीजेपी और कांग्रेस, दोनों के नेशनल लेवल तक के दो दर्जन से ज्यादा नेता सूरत आकर भाषण दे चुके, लोगों से संपर्क और सभाएं-रैलियां कर चुके, लेकिन बिना मैनिफेस्टो के सिर्फ हवाई बातें हो रही हैं। बता दें कि गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को दो फेज में वोटिंग होना है। नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे।
मतदाताओं को अब तक ये नहीं पता है कि दोनों पार्टियां अपनी सरकार बनने पर जनता के किन मुद्दों पर ध्यान देंगी। सरकार की प्राथमिकता क्या होगी? फिलहाल, सूरत समेत पूरे गुजरात में उम्मीदवार अपने-अपने तरीके से प्रचार कर रहे हैं। बीजेपी ने भी साफ नहीं किया है कि अपना मैनिफेस्टो कब सार्वजनिक करेगी।
माना जा रहा है कि पाटीदार आरक्षण को लेकर चल रही कशमकश के कारण यह अटका हुआ है।कांग्रेस इन्डायरेक्टली पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का समर्थन ले चुकी है, लेकिन आरक्षण का फॉर्मेट क्या होगा, इसका खुलासा नहीं किया है। वहीं, भाजपा इस पशोपेश में है कि कांग्रेस का मसौदा सामने आए तो अपने मैनिफेस्टो में वह उसका जवाब दे।