गाजियाबाद— सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के नौवें मामले में कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और नौकर सुरेन्द्र कोली को फांसी की सजा सुनाई है. सीबीआई कोर्ट ने नौकरानी से रेप और हत्या का मामले में दोनों को धारा 302, धारा 376 और धारा 364 के तहत दोषी माना है.
इसके अलावा सीबीआई कोर्ट ने कोली और पंढेर पर क्रमशः 35000 और 25000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहे सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह शुक्रवार को विशेष सीबीआई जज पवन कुमार तिवारी की अदालत में पेश हुए. जहां कोर्ट ने दोनों पर फांसी की सजा का ऐलान किया. बता दें कि निठारी कांड में मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली के खिलाफ 16 मुकदमे चल रहे हैं. 8 मामलों में विशेष अदालत से फैसला सुनाया जा चुका है.
बता दें कि 20 जून, 2005 को 8 साल की एक बच्ची नोएडा के निठारी इलाके से अचानक गायब हो गई थी. इसके बाद से इस इलाके में लगातार बच्चे गायब होने लगे. एक साल तक लगातार बच्चों के गायब होने का यह सिलसिला चलता रहा और करीब दर्जनभर बच्चे गायब हो गए. इसके बाद पुलिस ने बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया.7 मई 2006 को 21 साल की एक और लड़की जब गायब हुई तो पुलिस को अहम सुराग उसके मोबाइल से मिला. मामले में पहली बार मोनिंदर सिंह पंढेर का नाम सामने आया.
उल्लेखनीय है निठारी कांड के 6 मामलों में कोर्ट सुरेंद्र कोली को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुना चुकी है. पिछले साल अक्टूबर में कोर्ट ने कोली को एक लड़की के मर्डर केस में किडनैपिंग, रेप और सबूत मिटाने का दोषी पाया था. इससे पहले के भी 5 मामले में सीबीआई कोर्ट ने कोली को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. इस मामले में आरोपी नौकर सुरेन्द्र कोली अकेला ऐसा शख्स है जिसे सबसे ज्यादा बार फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है.