निकाय चुनाव: कहीं दावेदारों की भरमार तो कहीं पसरा है सन्नाटा

न्यूज़ डेस्क — यूपी में अधिसूचना के साथ ही नगर निकाय चुनावों का शंखनाद हो चुका है। तीन चरणों में होने वाले निकाय चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इन सब के बीच अगर दो बड़े दल सत्ताधारी बीजेपी और मुख्य विपक्ष समाजवादी पार्टी को छोड़कर सभी अन्य दलों के दफ्तर के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ है।

 

दरअसल इस बार टिकट दावेदारों की पहली पसंद बीजेपी है। जिसके कारण दफ्तर पर दावेदारों की लंबी कतार देखने को मिल रही है। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी है। बसपा, कांग्रेस और अन्य छोटे दलों के दफ्तरों पर सन्नाटा देखने को मिल रहा है।

राजधानी लखनऊ के हर वार्ड से 30-40 दावेदार:

अगर राजधानी लखनऊ की बात करें तो मेयर पद के लिए तीन दर्जन से ज्यादा महिलाओं ने दावेदारी की है। वहीं नगर निगम के 110 वार्डों में प्रत्येक वार्ड में 30-40 दावेदारों ने टिकट मांगा है। सोमवार से ही राजधानी के वार्डों से आए दावेदार डेरा जमाए हुए हैं। उन्होंने प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, लखनऊ के प्रभारी अशोक कटारिया और सह प्रभारी गोविन्द नारायण शुक्ल से मुलाकात कर अपनी दावेदारी पेश की है।

दावेदारों की लंबी कतार बीजेपी के लिए चुनौती:

दावेदारों की लंबी कतार की वजह से ही बीजेपी के सामने मुश्किलें भी खड़ी हो गई हैं। हालांकि पार्टी का दावा है कि प्रत्याशियों के नाम फाइनल हो चुके हैं और बुधवार या गुरुवार तक नामों का ऐलान हो जाएगा। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी की संसदीय सीट काशी और सीएम योगी के गोरखपुर सीट पर नाम तय हो चुके हैं बस ऐलान की औपचारिकता ही बची है। टिकट बंटवारे को लेकर चल रहे मंथन बैठक में पहुंचे डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि बीजेपी एक बार फिर कमल खिलाएंगी। वहीं प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पाण्डेय ने गठबंधन के सवाल पर बोला कि सहयोगी दलों के वाजिब सुझावों को माना जाएगा।

 

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