फर्रुखाबाद–लोकसभा चुनाव से पहले माहौल ठीक करने के लिए भाजपा संगठन और सरकारी अफसर साथ- साथ कदमताल कर रहे हैं। सरकारी खर्चे पर सजी- धजी रात्रि चौपाल में भाजपा नेता बगल में अधिकारीयों को बैठाकर आईना दिखा रहे हैं।
भोलेपुर की रात्रि चौपाल में आयी महिलाओं ने दफ्तरों और अधिकारीयों का जो हाल बताया है। वह कम से कम भाजपा के सुशासन के अनुकूल तो नहीं लगता।भाजपा नेता जिस प्रकार की बात कर रहे है उससे जनता को कोई लाभ तो दिखाई नही दे रहा है।नेता जी भी सरकारी खर्चे का मजा उठा रहे है।
लोकसभा 2019 के चुनाव को देखते हुए कार्यक्रमों के नाम तो बहुत अच्छे रखे जाते हैं और चतुर चालाक नेता सभी में पलीता लगा देते हैं। भाजपा ने वरिष्ठ नेताओं के रात्रि प्रवास कार्यक्रम तय कराये पर नेता दो- तीन घंटे में ही भाषण देकर लौट आये।इस बार नया नाम रात्रि चौपाल का है।इनमे भाजपा नेताओं के साथ- साथ पानी, बिजली, राशन, साफ़ – सफाई विभाग के अधिकारी भी भाजपा नेताओं के बगल में बैठे होते हैं।रात्रि चौपाल में पंडाल, साउंड, कुर्सी, मंच, नाश्ता- पानी, जनरेटरआदि के खर्चे भी कोई न कोई सरकारी विभाग ही उठाता है।
ऐसी ही एक चौपाल भोलेपुर में लगी।चौपाल में नगर पालिका के जमादार के जिम्मे पंडाल और जनरेटर का खर्चा था।जिस अधिकारी को मंचासीन भाजपा नेताओं के जलपान और पानी की व्यवस्था करनी थी वह लाइन दे गया।उसे चौपाल प्रभारी ने फोन करके हडकाया। एक एसडीओ भी भाजपाइयों की बाद की शिकायतों से बचने के लिए आया था। चौपाल में समस्याग्रस्त महिलाओं ने सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन दोनों की पोल खोल दी।कई महिलाओं ने बताया कि उनका राशन कार्ड काट दिया गया हैऑनलाइन आवेदन के बाद भी कार्ड को नही चढ़ाया गया है।जिस कारण वह अधिकारी के कार्यालय के चक्कर लगा रही है।तो कई ने उनकी पेंशन न मिलने की शिकायत की।
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष प्रभात अवस्थी ने बताया कि पिछली सरकार के दौरान तैनात अधिकारी ही समस्या पैदा कर रहे हैं।उन समस्याओं के समाधान के लिए रात्रिकालीन चौपाल आयोजित की जा रही हैं।भाजपा के मंडल अध्यक्ष राम वीर शुक्ल ने बताया कि मुख्य रूप से राशन कार्ड, पेंशन और नगर पालिका सम्बन्धी समस्याएँ आ रही हैं। अधिकाँश को मौके पर ही हल करने का प्रयास किया जा रहा है। नहीं तो सबंधित अभिलेख लेकर सबंधित अधिकारी से मिलकर उनका समाधान कराया जाएगा।हकीकत में राशन कार्डों को लेकर जनता बहुत ज्यादा परेशान दिखाई दे रही है।
(रिपोेर्ट- दिलीप कटियार, फर्रुखाबाद )