प्रदेश में नई आबकारी नीति एक जुलाई से लागू हो जाएगी। 31 मार्च, 2022 तक नौ महीने के दौरान नई नीति के तहत शराब बिक्री और सप्लाई का काम होगा। नई नीति के तहत लाइसेंस फीस और एक्साइज ड्यूटी कम होने से देशी और भारत में निर्मित विदेशी शराब के कम कीमत वाले ब्रांड सस्ते होंगे।
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तस्करी रोकने के लिए कीमतों में हुई कटौती
ऐसा इसलिए होगा क्योंकि पड़ोसी राज्यों से शराब तस्करी रोकने, शराब की कीमतों में कटौती करने और सरकारी राजस्व में वृद्धि करने के उद्देश्य से खुदरा आबकारी ठेकों को यूनिट, ठेके की कीमत के तीन प्रतिशत की नवीनीकरण फीस पर 2021-22 के लिए ठेकों का नवीनीकरण किया जाएगा।
नीति में शराब उत्पादक कंपनियों को ईएनए की कंपलसरी टेस्टिंग के प्रावधानों में छूट की व्यवस्था की गई है। लोगों की सहूलियत के लिए इस साल डिपार्टमेंटल स्टोर में भी कुछ शर्तों के साथ शराब बिक सकेगी।
आबकारी विभाग निर्धारित करेगा कीमत
वाइन की कीमत अब आबकारी विभाग निर्धारित करेगा। वहीं, एमआरपी से ज्यादा दाम पर शराब बेचने वाले विक्रेता पर कम जुर्माना लगेगा। विदेशी और महंगी शराब की उपलब्धता बनाए रखने के लिए थोक विक्रेताओं को अब किसी स्टेट कस्टम बांडेड वेयरहाउस से शराब लेने की छूट दी गई है। शराब की गुणवत्ता, अवैध बिक्री पर नकेल और तस्करी रोकने के लिए इस साल एक्साइज पुलिस का गठन किया जाएगा।
एथनॉल के उत्पादन में होगी बढ़ोतरी
राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस ने बताया कि नई नीति से हिमचाल सरकार को पिछले साल की तुलना में 228 करोड़ रुपये बढ़कर करीब 1829 करोड़ का राजस्व अर्जित होगा। पहली बार पेट्रोलियम कंपनियों को सप्लाई करने के लिए एथनॉल उत्पादन के लिए अलग से नए लाइसेंस का प्रावधान किया है। इससे हिमाचल प्रदेश में एथनॉल के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
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