राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक विजय चौक पर हर साल की तरह इस साल भी गणतंत्र दिवस समारोह के समापन की प्रक्रिया यानी बीटिंग रिट्रीट समारोह (Beating Retreat 2022) का आयोजन किया गया. इस समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उपस्थित मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त तीनों सेना के प्रमुख भी समारोह में उपस्थित रहे. इस सेरेमनी में एक हजार ड्रोन आसमान की शोभा बढ़ाएंगे। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत इसकी अवधारणा बनाई गई है और इसे डिजाइन, निर्माण व कोरियोग्राफ किया गया है। विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की प्राचीर पर लेजर शो का आयोजन किया गयाविजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की प्राचीर पर लेजर शो का आयोजन किया गया.
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सैन्य समारोह का हुआ समापन
सैन्य सामारोह का समापन हो गया है. इससे पहले तीनों सेना की बैंडों ने अपनी-अपनी प्रस्तुति दी, सेनाओं के बैंड ने समां बांधा. वहीं ए मेरे वतन के लोगों ने धुन ने लोगों को दिल जीता है. इस बार 26 भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के बैंड कुल 26 धुनों को बजाई गई. ए मेरे वतन के लोगों धुन से सैन्य समारोह का समापन हुआ है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे, इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति का स्वागत किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
समारोह में उड़ाए गए 1,000 ड्रोन
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा वित्त पोषित और आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों के नेतृत्व में भारतीय स्टार्टअप बोटलैब, लाइट शो के एक हिस्से के तौर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में 1,000 ड्रोन उड़ाएगा. स्टार्ट-अप, बोटलैब डायनेमिक्स को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा अनुसंधान एवं विकास के लिए एक करोड़ रुपए का प्रारंभिक सीड फंड दिया गया था और बाद में प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड द्वारा पहले विकसित करने के लिए स्केल अप और व्यावसायीकरण के लिए 2.5 करोड़ रुपए दिए गए थे. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि चीन, रूस और ब्रिटेन के बाद भारत 1,000 ड्रोन के साथ इतने बड़े पैमाने पर ड्रोन शो का आयोजन करने वाला चौथा देश बन जाएगा.
दो बार रद्द हुआ है बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी
गणतंत्र दिवस के अवसर पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी मनाने की परंपरा भारत में 1950 से है। अभी तक दो बार इस कार्यक्रम को रद्द किया गया है। 2001 में गुजरात भूकंप और 2009 में देश के आठवें राष्ट्रपति वेंकटरमन के निधन के चलते इसे रद्द किया गया था। 1950 से बीटिंग रिट्रीट गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल है। शुरुआत में अंग्रेजी धुनें ही बजाई जाती थीं। बाद में धीरे-धीरे भारतीय धुनों ने अपनी जगह बनाई। अग्रेजी धुन ‘अबाइड बिद मी’ बीटिंग रिट्रीट समारोह में बनी रही। यह महात्मा गांधी को बहुत पसंद थी। इस साल इसे भी हटा दिया गया है।
बीटिंग रिट्रीट का इतिहास
गौरतलब है कि बीटिंग रिट्रीट 17वीं शताब्दी के अंत से मनाई जा रही है। तब इसका अर्थ था सूर्यास्त के समय सैन्य टुकड़ियों का युद्ध से अलग होना। रॉयल आयरिश वर्चुअल मिलिट्री गैलरी के अनुसार, 18 जून 1690 को James II की सेना को ड्रम बजाकर रात में पीछे हटने के लिए कहा गया था। बाद में 1694 में William III की सेना ने इसी तरह के आदेश दिए। बिगुल, तुरही और ढोल की आवाज सैनिकों को अपनी तलवारें लपेटने और युद्ध के मैदान से हटने का संकेत देती थी।
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