भारत-नेपाल (India-Nepal) के बीच जारी नक्शा विवाद के बीच नेपाल ने एक बार फिर भारत विरोधी नई चाल को हवा देते हुए अपने सशस्त्र पुलिस बल (APF) के लिए धारचूला में एक बटालियन मुख्यालय बनाया है, जो उत्तराखंड के धारचूला जिले की सीमाओं पर स्थित है। सोमवार को नेपाली कमांडेंट प्रभारी नरेंद्र बम ने कार्यभार संभाला है।
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दरअसल नेपाल के इस कदम का मकसद धारचूला में काली नदी के साथ अपनी सीमा सुरक्षा को मजबूत करना है। इससे पहले उसने केवल एपीएफ की एक कंपनी की जिले में तैनाती की थी। नेपाली कमांडेंट प्रभारी नरेंद्र बम का कहना है कि अधिक तैनाती के बाद बटालियन की ताकत बढ़ाई जाएगी।
और चौकियां बनाने की थी तैयारी –
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 8 मई को लगभग 80 किलोमीटर लंबे कैलाश मानसरोवर मार्ग का उद्घाटन करने के बाद दोनों देशों के बीच सीमा तनाव के मद्देनजर नेपाल ने यह कदम उठाया गया है। तब से नेपाल सरकार भारत-नेपाल बार्डर पर लगातार सतर्कता बढ़ा रही है। जानकारी के मुताबिक, नेपाल की तरफ से कई क्षेत्रों जैसे कि छंगरु, डमलिंग, धारचूला, जौलजीबी, लाली, झूलाघाट आदि में भी अधिक सीमा चौकी बनाने के लिए योजनाएं चल रही हैं।
पहले भी बनाई थी कई पोस्ट-
नेपाल सशस्त्र प्रहरी फोर्स के महानिरीक्षक हरिशंकर बुढाथोकी का कहना है कि इस आउट पोस्ट से पंचेश्वर जलविधुत परियोजना की सुरक्षा, भारत नेपाल सीमा निगरानी, कस्टम से राजस्व प्राप्ति समेत कई और काम किए जाएंगे। इसके अलावा BOP पर तैनात जवान हर समय महाकाली नदी के किनारे के घाटों की गश्त करेंगे । बता दें कि इससे पहले भारत ने उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड जिलों से लगने वाली अपनी कई सीमाओं पर अतिरिक्त पोस्टों का निर्माण कर जवानों की संख्या में इजाफा किया था।