कानपुर– उत्तर प्रदेश के इटावा में महिला डाकू रहीं नीलम सिंह चुनाव लड़ेंगी। नीलम कुख्यात डकैत निर्भय सिंह गुर्जर की पत्नी है जो चंबल में 3 दशकों तक आतंक का पर्याय बना रहा। नीलम सिंह ने नगर पालिका चुनाव में इटावा से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि चुनाव जीतने के बाद वह समाज के कमजोर वर्गों विशेषकर महिलाओं के लिए काम करेंगी।
नीलम ने निर्भय सिंह गुर्जर को छोड़ दिया था और श्याम जाटव के साथ चली गईं थीं। नीलम पर हत्या, लूट, डकैती, आगजनी और अपहरण सहित कई आपराधिक मामले दर्ज थे। जाटव के साथ मिलकर उसने 2004 में एंटी डकैती कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। उसे इसी साल फरवरी महीने में डकैती, अपहरण, लूट, आगजनी और हत्या जैसे मामलों में सजा काटने के बाद जेल से छोड़ा गया था। नीलम ने बताया कि वह वापस आ गई हैं लेकिन उसकी भूमिका अब पूरी तरह से बदल गई है। अगर जनता उन्हें निकाय चुनाव में अवसर देती है तो वह लोगों के लिए अच्छा काम करेंगी। उन्होंने ये भी कहा कि अगर लोग सही हैं तो वह उनके लिए लड़ने को भी तैयार रहेंगी। नीलम ने बताया कि वह एक स्पेशल सेल बनाएंगी जो महिलाओं के लिए काम करेगी।
उन्होंने बताया कि उन्हें कई राजनीतिक दलों से ऑफर आया है लेकिन वह निर्दलीय ही इटावा से चेयरपर्सन पद के लिए चुनाव लडेंगी। उसने बताया कि एक समय वह सामाजिक कलंक थीं लेकिन अब राजनीति में आकर समाज के लिए काम करना चाहती हैं। नीलम ने कहा कि उन्होंने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है और उसे स्थानीय लोगों का पूरा सहयोग मिल रहा है।
नीलम के एक रिश्तेदार ने बताया कि बहुत छोटी उम्र में निर्भय सिंह गुर्जर ने उनका अपहरण कर लिया था। तब वह मात्र 12 साल की थीं और गांव के एक स्कूल में 6वीं कक्षा में पढ़ती थीं। उसने जिंदगी के 12 साल जेल में काटे और फरवरी 2017 को उसे जेल से छोड़ा गया। उसने बताया कि जब नीलम ने निर्भय को छोड़ दिया तो उसके ऊपर पर 21 लाख रुपये का ईनाम रखा गया था।